(PTI) उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर यह निर्देश दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि प्लास्टिक निर्माण इकाइयां प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के लिए राज्य और केंद्र सरकार के किसी भी नियम का पालन नहीं कर रही हैं।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कहा है कि उत्तराखंड में कचरे के निपटान की योजना के बिना प्लास्टिक निर्माताओं और विक्रेताओं पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
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एक खंडपीठ ने कहा कि उत्तराखंड में प्लास्टिक उत्पाद बेचने और बनाने वाले संगठनों को न केवल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में पंजीकरण कराना होगा, बल्कि अपने प्लास्टिक कचरे के निपटान की योजना भी पेश करनी होगी।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की पीठ ने कहा कि वे स्थानीय निकाय द्वारा कचरे का निपटान कर सकते हैं, लेकिन इसके खर्चों की प्रतिपूर्ति करनी होगी।
ऐसा करने में विफल रहने पर राज्य में ऐसे संगठनों द्वारा प्लास्टिक के सामान के उत्पादन, बिक्री और विपणन पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर यह निर्देश दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि प्लास्टिक निर्माण इकाइयां प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए राज्य और केंद्र सरकारों के किसी भी नियम का पालन नहीं कर रही हैं।