मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा हरिद्वार में हो रहे जलभराव एवं बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के पश्चात यह घोषणा की गई।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा शुक्रवार को हरिद्वार जिले के उन सभी क्षेत्रों को ‘आपदा-ग्रस्त’ घोषित किया, जो भारी बारिश के कारण जलमग्न या बाढ़ग्रस्त हैं। मुख्यमंत्री ने बिजली और पानी के बिल और अन्य सरकारी बकाया और ऋण का भुगतान भी अगले तीन महीनों के लिए स्थगित कर दिया।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा हरिद्वार में हो रहे जलभराव एवं बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के पश्चात यह घोषणा की गई।
‘राहत राशि का वितरण तुरंत सुनिश्चित किया जाएगा’
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों (Disaster-affected areas) का व्यापक सर्वेक्षण (Comprehensive survey) कराकर तत्काल राहत राशि का वितरण सुनिश्चित किया जायेगा।
भविष्य में इस प्रकार की आपदा की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए बाढ़ प्रबंधन योजना (flood management plan) पर काम किया जाएगा। जिसमें जल निकासी और आवश्यकतानुसार छोटी-छोटी पुलियाओं के निर्माण की व्यापक योजना तैयार कर कार्य किया जा रहा है।’
‘स्थायी बाढ़ राहत केंद्र बनाए जाएंगे’
धामी ने भविष्य में बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए नदियों को चैनलाइज़ करने के लिए कदम उठाने का भी आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी बाढ़ राहत केंद्र बनाने की भी घोषणा की.
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इससे पहले अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम ने उन्हें यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि बाढ़ वाले इलाकों में पीने के पानी, स्वास्थ्य देखभाल, संचार और बिजली सहित सुविधाएं सामान्य रूप से चल रही हैं।
हरिद्वार जिले में, मूसलाधार बारिश के परिणामस्वरूप रूड़की, लक्सर, भगवानपुर और हरिद्वार तहसीलों के 71 गाँव डूब गए, जिससे कई परिवारों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। 81 परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में स्थानांतरित किया जाएगा।
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आईएमडी ने भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है
इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को अगले 24 घंटों में देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी और नैनीताल में अलग-अलग स्थानों पर आंधी और बिजली के साथ भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की।
(एजेंसियों के इनपुट के साथ)