जलवायु अनुकूलन और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सही से सामना करने के लिए सहयोगी गठबंधनों को बढ़ावा देना है लक्ष्य
दिल्ली, 15 फरवरी 2024: आगा खान एजेंसी फॉर हैबिटेट (एकेएएच) इंडिया ने नई दिल्ली में क्लाइमेट एक्शन वर्कशॉप सीरीज के हिस्से के रूप में ‘एडाप्टिंग टू द एज: अर्बन एंड कोस्टल क्लाइमेट रेजिलिएंस’ पर एक वर्कशॉप (कार्यशाला) की मेजबानी की। इस वर्कशॉप में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सफलतापूर्वक सामना करने और उन्हें बेहतर तरीके से प्रबंधित करने के लिए प्रकृति-आधारित समाधानों को बढ़ावा देने पर बातचीत शुरू करने के लिए विशेषज्ञों, चिकित्सकों, सरकारी निकायों, सीएसआर नेताओं को एक साथ लाया गया।
आगा खान एजेंसी फॉर हैबिटेट इंडिया और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) ने जलवायु लचीलापन बनाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी के माध्यम से, दोनों संगठन अपनी साझा सोच के साथ, जलवायु अनुकूलन, शहरी आवास प्रबंधन, आपदा जोखिम लचीलापन बनाने, प्रकृति-आधारित समाधान और जैव विविधता (बायोडायवर्सिटी) को बढ़ावा देने के लिए एक्शन-बेस्ड रिसर्च, चर्चा आयोजित करने और गठबंधन समूह बनाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
इस मौके पर अमिताभ कांत, जी20 शेरपा, भारत सरकार (पूर्व सीईओ, नीति आयोग) ने कहा, “तटीय शहर राष्ट्रीय आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में काम करते हैं और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की मेजबानी करते हैं, जो जलवायु परिवर्तन के गंभीर खतरे में हैं। प्रकृति-आधारित समाधानों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, और हम इसे शहरी और तटीय क्षेत्रों के लिए भारत की लचीलापन और अनुकूलन रणनीति का हिस्सा बना रहे हैं। लो कार्बन डेवलपमेंट और जलवायु परिवर्तन का सही से सामना करने वाले बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता देते हुए आपदा-रोधी समुदायों की आवश्यकता है। प्रकृति-आधारित समाधानों ने निवेश पर बेहतर रिटर्न दिया है और इसे बढ़ाया जा सकता है। मुझे भरोसा है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सहयोग और आपसी ताल मेल महत्वपूर्ण है। हमें इनोवेटिव फाइनेंसिंग का उपयोग करना चाहिए, और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सबसे बेहतर तरीकों तक पहुंच के साथ-साथ समुदायों की भी महत्वपूर्ण भूमिका हो।”
आगा खान एजेंसी फॉर हैबिटेट के जनरल मैनेजर ओन्नो रूहल (वर्ल्ड बैंक इंडिया के पूर्व डायरेक्टर) ने कहा कि, “भारत में अपनी इनोवेटिव और लागत प्रभावी जुगाड़ रणनीति का लाभ उठाकर क्लाइमेट एक्शन में चैंपियन बनने और कम संसाधनों का उपयोग करते हुए अधिक हासिल करने के लिए इंजीनियरिंग समाधान विकसित करने की क्षमता है।”
दक्षिण और पश्चिम एशिया के लिए C40 शहरों की क्षेत्रीय निदेशक श्रुति नारायण ने ‘क्लाइमेट एक्शन में तेजी लाने के वैल्यू अनलॉकिंग’ पर एक मास्टर क्लास का नेतृत्व किया।
इसके बाद दो महत्वपूर्ण विषयों पर पैनल चर्चा हुई। पहला ‘नेचर-बेस्ड सॉल्यूशन: अर्बन एंड कोस्टल क्लाइमेट रेजिलेंस’ (‘प्रकृति-आधारित समाधान: शहरी और तटीय जलवायु लचीलापन)
दूसरा ‘अर्बन सस्टेनेबिलिटी: बिल्डिंग क्लाइमेट-रेजिलिएंट कम्युनिटी'(‘शहरी स्थिरता: जलवायु-लचीला समुदायों का निर्माण’)।
पैनलिस्टों ने शहरी क्षेत्रों और तटीय शहरों पर जोर देने के साथ सामुदायिक भागीदारी और प्रकृति-आधारित समाधानों के एकीकरण के लिए रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया। चर्चाओं में ऐसे समाधानों के ठोस लाभ पर जोर दिया गया, जिसमें हवा और पानी की गुणवत्ता में बढ़ोतरी के साथ-साथ बाढ़, सूखे जैसी आपदाओं से जोखिम में कमी और गर्मी के तनाव को कम करना शामिल है। इस सत्र में शहरी स्थिरता पर टिकाऊ निर्माण प्रक्रियाओं, ऊर्जा-कुशल डिजाइन और पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों के उपयोग के महत्व पर जोर दिया गया।
एक महत्वपूर्ण व व्यावहारिक वर्कशॉप के बाद, आगा खान एजेंसी फॉर हैबिटेट इंडिया की चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, प्रेरणा लांगा ने कहा कि, “आगा खान एजेंसी फॉर हैबिटेट जलवायु संकट से निपटने की आवश्यकता को पहचानती है और जलवायु और शहरी लचीलेपन को बढ़ावा देने के लिए जरूरी कामों की वकालत करती है। ये वर्कशॉप सहयोग और इनोवेशन के जरिए सकारात्मक परिवर्तन लाने के हमारे साझा समर्पण को मजबूत करती हैं। अमिताभ कांत की व्यावहारिक टिप्पणियों से प्रेरित होकर, आगा खान एजेंसी फॉर हैबिटेट को चर्चाओं का नेतृत्व करने और समुदायों को ऐसे भविष्य की ओर ले जाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है, जिसमें जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का बेहतर तरीके से सामना किया जा सके।”
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क्लाइमेट एक्शन वर्कशॉप सीरीज का उद्घाटन सत्र 22 नवंबर, 2023 को मुंबई में हुआ, जिसे सीएसआर प्रतिनिधियों और सरकारी निकायों से सफलता और प्रशंसा मिली।