Uttarakhand राज्य में 16,793 गांवों में से 3,500 मैं अभी तक गांव के लोग 2G सेवा उपयोग से आगे नहीं बढ़ पाए हैं।
केंद्र सरकार के द्वारा पूरे देश भर में प्रौद्योगिकी संचालित विकास एवं डीजे विक्रांत पूरा ध्यान केंद्रित किया जा रहा है इसके पश्चात भी उत्तराखंड में अभी 700 गांव मैं मोबाइल एवं इंटरनेट की कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है।
- Advertisement -
Uttarakhand राज्य में 16,793 गांवों में से 3,500 मैं अभी तक गांव के लोग 2G सेवा उपयोग से आगे नहीं बढ़ पाए हैं। लेकिन परिस्थितियां बदल सकती है क्योंकि भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के द्वारा इन क्षेत्र में अपनी सेवा बढ़ाने के लिए विचार कर रहे हैं।
बीएसएनएल के महाप्रबंधक (मोबाइल और इंटरनेट) ओपी कनौजिया के द्वारा समाचार पत्र को बताया, “उन स्थानों पर जहां अभी तक ना तो कोई निजी ऑपरेटर और न ही बीएसएनएल की सेवाएं मौजूद है, सरकार के द्वारा अब बीएसएनएल को काम दिया है।” उन्होंने बताया, “अब सरकार को हमें यह बताना होगा कि ये सुविधाएं कहां पर दी जानी हैं, या फिर 2जी से 4जी में अपग्रेड करना है।”
इगास-बगवाल(Igas-Bagwal) पर राजकीय अवकाश की घोषणा की Uttarakhand मुख्यमंत्री धामी ने की .
कनौजिया ने कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2022 तक Uttarakhand में लगभग 83.80 लाख लोगों इंटरनेट सेवा का लाभ उठा रहे थे। इसमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 39% इंटरनेट उपयोगकर्ता महिलाएं के द्वारा किया जा रहा हैं जबकि शेष पुरुष के द्वारा किया जा रहा हैं, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है जो 24.60% महिलाओं और 48.70 प्रतिशत पुरुषों का है।
- Advertisement -
कनौजिया ने बताया कि हालांकि, Uttarakahnd में पर्यटन एवं तीर्थयात्रियों की संख्या को देखते हुए इंटरनेट सुविधाएं अभी भी अपर्याप्त हैं। ट्राई की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 83.80 लाख लोग इंटरनेट का उपयोग करते हैं। इनमें जिसमें से 38.90 लाख यूजर्स ग्रामीण इलाकों से आते हैं।
रिपोर्ट की मानें तो ग्रामीण इलाकों में मात्र 52% प्रतिशत लोग ही इंटरनेट का इस्तेमाल कर पा रहे हैं ” यदि शहरी क्षेत्रों की बात की जाए तो कनेक्टिविटी में तो हम लोग सेवा प्रदान करने में लगभग पूरी तरह से सफल रहे हैं। अब हमारा प्रयास दुर्गा एवं पहाड़ी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना है”
रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में सिर्फ 52 फीसदी लोग ही इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. “जहां तक शहरी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी का सवाल है, हम सेवाएं प्रदान करने में लगभग पूरी तरह से सफल रहे हैं। अब हम दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं,
”बीएसएनएल के महाप्रबंधक देहरादून एसके सिंह ने कहा। “Uttarakhand राज्य के बहुत से दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में, लोगों को इंटरनेट उपयोग करने के लिए अभी भी शहर आना पड़ता है। इसके अलावा, ऑनलाइन अध्ययन के इस युग में, छात्रों को भी घर पर नेट सिग्नल नहीं मिलते हैं, और उन्हें भी सिग्नल खोजने के लिए आस पास की पहाड़ियों या पेड़ों पर चढ़ना पड़ता है, ”सिंह ने कहा, मंजूरी मिलने के पश्चात कमी को काफी हद तक पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
कनौजिया ने बताया कि, बीएसएनएल को अब केवल Uttarakhand सरकार की रिपोर्ट का इंतजार है कि टावर कहां एवं किन-किन स्थानों पर लगाने हैं उनकी पहचान की गई है।
उन्होंने कहा, अनुमति एवं अन्य औपचारिकताएं पूरी होने के पश्चात ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। भारत के पहाड़ी राज्यों में, असम में सर्वाधिक 1.59 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता ग्राहक हैं, इसके बाद जम्मू और कश्मीर मैं (84.7 लाख), Uttarakhand (83.8 लाख), हिमाचल (62.7 लाख), त्रिपुरा (18.70 लाख), मेघालय (17.50 लाख) हैं। लाख), नागालैंड (14.80 लाख), मणिपुर (11.10 लाख) और सिक्किम (5.40 लाख)।