Anti-Conversion Law : नैनीताल पुलिस ने उसकी शिकायत के आधार पर पीड़िता के उत्पीड़न में सैफी की मदद करने के आरोप में साकिब सैफी और उसके परिवार के सदस्यों गजला, राहिला, सबा और यूनुस के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
उत्तराखंड विधानसभा द्वारा 29 नवंबर को धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2022 (Freedom of Religion (Amendment) Bill, 2022) को पारित करने के दो सप्ताह बाद, नैनीताल पुलिस ने मंगलवार को धर्मांतरण विरोधी कानून (Anti-Conversion Law) के तहत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
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Anti-Conversion Law in Uttarakhand : यह मामला एक हिंदू महिला के द्वारा शिकायत पर दर्ज किया गया था जिसने महिला ने आरोप लगाया था कि साकिब सैफी ने अपना नाम बदलकर हिंदू बन कर रहा और उसके साथ बलात्कार किया एवं उसको धर्म परिवर्तन के लिए भी मजबूर किया जा रहा था । आरोपी की पहचान साकिब सैफी के रूप में हुई है, जो बंबागर का रहने वाला है और शिव ठाकुर बनकर पीड़िता से दोस्ती की थी।
Anti-Conversion Law in Uttarakhand : जब दोनों एक दूसरे के करीब आए उसके तुरंत बाद, आरोपी के द्वारा पीड़िता के साथ कथित रूप से बलात्कार किया जाए था एवं पीड़ित महिला को धर्म परिवर्तन करने के लिए भी दबाव बनाया जा रहा था। जब महिला को साकिब सैफी की असली पहचान के बारे में पता चलो तो उसके बाद पीड़ित महिला ने पुलिस से संपर्क किया। घटना रामनगर थाना क्षेत्र की बताई जा रही है.
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सैफी के द्वारा अपने परिवार के साथ मिलकर पीड़ित महिला को कथित तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा था एवं उसको जान से मारने की धमकी भी दी जा रही थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपी साकिब के द्वारा पीड़िता की छोटी बहन के साथ भी संबंध बनाने का प्रयास किया जा रहा था। टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के द्वारा 3 दिसंबर को किसी अन्य व्यक्ति के साथ शादी करने वाली थी, लेकिन आरोपी के द्वारा पीड़िता के होने वाले मंगेतर के परिवार से संपर्क किया एवं महिला के बारे में बहुत अधिक अपमानजनक टिप्पणियां की जिसके पश्चात महिला की शादी टूट गई।
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नैनीताल पुलिस के द्वारा पीड़ित महिला की शिकायत के आधार पर साकिब सैफी एवं उसके परिवार के सदस्यों गजला, राहिला, सबा और यूनुस के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
Anti-Conversion Law in Uttarakhand : नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट ने बताया, “उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम( Uttarakhand Freedom of Religion Act) की धारा 3 के तहत यह मामला दर्ज किया गया है।” हालाँकि, इसे मामले को रूपांतरण करने के बजाय रूपांतरण के लिए दबाव बनाने के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। सरकार के नए आदेश के अनुसार आरोपियों को कठोर सजा दी जाएगी। आदेश प्राप्त होने के पश्चात नए नियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
Anti-Conversion Law in Uttarakhand : सर्किल ऑफिसर भौवाली, बलजीत सिंह भकुनी ने बताया, ” पीड़िता महिला का चिकित्सा परीक्षण होने के बाद, धारा 164 के तहत पीड़िता का बयान लिया जाएगा, एवं पीड़ित महिला के बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने बताया, “आरोपी साकिब सैफी के द्वारा शादी की आड़ में पीड़ित महिला का धर्म परिवर्तन कराना चाहता था, पीड़ित महिला के द्वारा मना करने पर आरोपी साकिब सैफी के द्वारा उसका शारीरिक शोषण किया गया।”
रामनगर थाने के एसएचओ अरुण कुमार सैनी ने बताया कि आरोपी साकिब सैफी, सबा, यूनुस, राहिला और गजला पर धारा 323, 354/354डी, 376, 504/506 और उत्तराखंड धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2018 (Uttarakhand Freedom of Religion Act 2018) के तहत मामला दर्ज किया गया है. अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।