Rohit Parihar Women Safety Device : उत्तराखंड के रोहित परिहार (Rohit Parihar) ने महिलाओं की सुरक्षा (Women Safety) के लिए एक ऐसा उपकरण बनाया है जिसे हैंडबैग या पर्स में डाला जा सकता है। डिवाइस में आपातकालीन कॉलिंग, जीपीएस नेविगेशन और एक स्पाई कैमरा जैसी सुविधाएं हैं। परिहार ने अपने आविष्कार के लिए वर्चुअल इनोवेशन प्रतियोगिता 2023 (Virtual Innovation Competition 2023) में स्वर्ण पदक जीता।
Rohit Parihar Women Safety Device : महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि के बीच, उत्तराखंड में एक किशोर लड़के ने एक एसओएस डिवाइस (SOS Device) बनाया है जो महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
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उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के वज्यूला नामक एक छोटे से गांव में रहने वाले 17 वर्षीय रोहित परिहार (Rohit Parihar) ने एक अभिनव उपकरण बनाया है जिसे किसी भी हैंडबैग या पर्स में डाला जा सकता है। अटल उत्कृष्ट परम सिंह परिहार जीआईसी (Atal Utkrisht Param Singh Parihar GIC) में वाणिज्य के छात्र परिहार ने कहा, “महिलाएं ज्यादातर समय एक हैंडबैग या पर्स रखती हैं, और अगर इसके अंदर कोई सुरक्षा उपकरण (Safety Device) रखा हो तो यह किसी भी अपराधी को कभी भी संदिग्ध नहीं लग सकता है।”
महिला सुरक्षा उपकरण (Women Safety Device) के लिए स्मार्ट डिवाइस के प्रोटोटाइप में तीन प्रमुख विशेषताएं हैं – आपातकालीन स्वचालित कॉलिंग (Emergency Automatic Calling), जीपीएस नेविगेशन (GPS navigation) और एक जासूस कैमरा (Spy camera)। उन्होंने बताया, “अगर महिला इस डिवाइस पर ट्रिगर बटन दबाती है तो स्वचालित रूप से परिवार के लोगों और स्थानीय पुलिस स्टेशन को कॉल मिल जाएगी।
उसके बाद, पुलिस या परिवार महिला को बचाने के लिए जीपीएस लोकेशन (GPS Location) के जरिए उसे ट्रैक कर सकता है। जासूसी कैमरा चारों ओर सब कुछ रिकॉर्ड करेगा, और रिकॉर्डिंग को बाद में देखा जा सकता है।”
देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को देखते हुए परिहार को एक ऐसा उपकरण बनाने का मन हुआ जो जमीनी स्तर पर काम कर सके। उन्होंने पिछले साल दिसंबर में इस डिवाइस पर काम किया था।
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किशोर ने दावा किया कि सुरक्षा उपकरण को स्मार्टफोन की तरह चार्ज किया जा सकता है और यह अधिकतम 27 घंटे और न्यूनतम 24 घंटे तक काम कर सकता है। डिवाइस का जीपीएस इंटरनेट के बिना भी काम कर सकता है और पिछली रिकॉर्डिंग आसानी से प्राप्त की जा सकती है
परिहार ने इस डिवाइस के लिए वर्चुअल इनोवेशन प्रतियोगिता 2023 (Virtual Innovation Competition 2023) में स्वर्ण पदक जीता। परिहार का कहना है कि उन्हें अपने विचारों को क्रियान्वित करने में अपने स्कूल के शिक्षकों से लगातार समर्थन मिला है।
जब परिहार 7वीं कक्षा में थे तो उन्होंने बायोडिग्रेडेबल के एक प्रोजेक्ट पर काम किया, जिसकी पेटेंट प्रक्रिया चल रही है। बहुत कम उम्र में, परिहार ने विशेष रूप से उत्तराखंड के किसानों के लिए डिज़ाइन किया गया एक स्मार्ट वॉटर टैंक, मिल्क एटीएम और कृषि उपकरण बनाया।
परिहार ने अतीत में कई नवाचार-संबंधित प्रतियोगिताओं में भाग लिया है, जैसे बाल विज्ञान कांग्रेस इंस्पायर अवॉर्ड, एटीएल मैराथन, एक रियलिटी टीवी शो द इन्वेंटर चैलेंज इत्यादि। उन्हें इस साल एपीजे अब्दुल कलाम पुरस्कार (APJ Abdul Kalam Award) के लिए भी चुना गया है।
आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिहार अपने नवाचारों को जारी रखने के लिए मौद्रिक सहायता की मांग कर रहे हैं। 12वीं कक्षा का छात्र भविष्य में अपना स्टार्टअप बनाने का सपना देखता है जहां वह उपभोक्ता और पर्यावरण-अनुकूल गैजेट बना सके।
Article Source and Credit :- Mint