भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया
हरिद्वार, 2025 – श्री पंचमुखी हनुमान दुर्गा मंदिर के संस्थापक महंत मनकामेश्वर गिरी महाराज ने कहा कि जब-जब धरती पर आसुरी शक्तियां हावी हुईं, तब परमात्मा ने धर्म की रक्षा के लिए अवतार लिया। उन्होंने मथुरा में राजा कंस के अत्याचारों से व्यथित होकर धरती की पुकार सुनकर श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया और धर्म की स्थापना की। उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण ने कंस का वध करके प्रजा की रक्षा की।
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श्री पंचमुखी हनुमान दुर्गा मंदिर के प्रांगण में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्री कृष्ण के जन्म का प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास आचार्य उद्धव मिश्रा ने कहा कि जीवन में भागवत कथा सुनने का अवसर अत्यंत दुर्लभ है। उन्होंने भागवत के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया और भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा का विस्तार से उल्लेख किया। कथा सुनने के दौरान पांडाल में मौजूद श्रद्धालु खुशी से झूम उठे और भगवान कृष्ण के जयकारों के साथ जन्मोत्सव की खुशी मनाई।
आचार्य उद्धव मिश्रा ने रामकथा का संक्षेप में वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम ने राक्षसों से धरती को मुक्त करने के लिए अवतार लिया और रामराज्य की स्थापना की। उन्होंने यह भी कहा कि भागवत कथा का अनुसरण तभी सार्थक होगा जब हम उसके संदेशों के अनुसार जीवन जीने का प्रयास करें।
इस दौरान कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तजन शामिल हुए, जिनमें अखिलेश राजपूत, प्रभु नारायण मिश्र, शांतनु ठाकुर, उमा धीमान, प्रिंसी त्यागी, विनिता राजपूत, पूनम सिंह, मोहिनी बंसल, निशा शर्मा, रूकमणि प्रजापति, बबली प्रजापति, राजबाला और अन्य भक्तजन उपस्थित थे।
कथा में भगवान श्री कृष्ण की दिव्य लीलाओं का प्रसार कर भक्तों को जीवन के उच्चतम आदर्शों की ओर प्रेरित किया गया।