उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों को ऐतिहासिक और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार बनाने के लिए अनूठी पहल की जा रही है। खेल मंत्री रेखा आर्या ने घोषणा की है कि हर पदक विजेता के नाम पर एक पौधा लगाया जाएगा। इस पहल के तहत 10,000 से अधिक पौधे लगाकर खेल वन पार्क विकसित किया जाएगा, जो खिलाड़ियों और मेहमानों के लिए इन खेलों की याद को चिरस्थायी बनाएगा।
ग्रीन गेम्स की ओर कदम
खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि राष्ट्रीय खेलों को ग्रीन गेम्स के रूप में मनाने के लिए कई नई पहल की गई हैं:
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- पदक विजेताओं के नाम पर पौधे: कुल 4350 पदक वितरित किए जाएंगे और प्रत्येक विजेता के नाम पर पौधा लगाया जाएगा।
- अन्य मेहमानों के योगदान: राष्ट्रीय खेलों में आने वाले मेहमान भी पौधे लगाएंगे, जिससे पौधों की संख्या 10,000 तक पहुंच जाएगी।
पर्यावरणीय स्थिरता की पहल
खेलों के दौरान पर्यावरणीय जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए निम्न कदम उठाए जा रहे हैं:
- ग्रीन पटाखों का उपयोग: खेलों के दौरान पटाखों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केवल प्रमाणित ग्रीन पटाखे इस्तेमाल किए जाएंगे।
- ई-वेस्ट से बनी कलाकृतियां: इवेंट की सजावट के लिए सेल्फी प्वाइंट और कलाकृतियां ई-वेस्ट और खेल उपकरणों के वेस्ट से बनाई जा रही हैं।
- सौर ऊर्जा का उपयोग: अधिकतर खेल स्थलों पर सौर ऊर्जा से संचालित हीटिंग संरचनाएं लगाई जाएंगी।
पर्यावरण अनुकूल सामग्री
- मेडल और प्रमाणपत्र: बायोडिग्रेडेबल और पर्यावरण अनुकूल पदार्थों से बनाए गए हैं।
- ट्रॉफियां: ई-वेस्ट और वुड वेस्ट का उपयोग कर बनाई गई हैं।
- ब्रांडिंग सामग्री: प्लास्टिक के बजाय कपड़े का उपयोग किया जा रहा है।
इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल
खेल स्थलों पर खिलाड़ियों और अधिकारियों के परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग होगा।
- राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में 2 मेगावाट क्षमता वाले सोलर रूफटॉप्स लगाए गए हैं, जो खेल स्थलों को ऊर्जा प्रदान करेंगे।
खेल मंत्री का संदेश
खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा:
“यह आयोजन केवल खेल प्रतिभा का ही उत्सव नहीं होगा, बल्कि पर्यावरणीय जिम्मेदारी और स्थिरता का भी प्रतीक बनेगा। उत्तराखंड ‘संकल्प से शिखर तक’ के अपने संदेश के साथ दुनिया को यह दिखाने के लिए तैयार है कि खेलों के माध्यम से सस्टेनबल भविष्य की ओर बढ़ा जा सकता है।”
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निष्कर्ष
38वें राष्ट्रीय खेल न केवल खिलाड़ियों की प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे बल्कि उत्तराखंड को एक पर्यावरणीय स्थिरता के प्रतीक के रूप में स्थापित करेंगे। खेल वन पार्क जैसे नवाचार न केवल इन खेलों की याद को बनाए रखेंगे, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित करेंगे।