Agra News : आगरा में स्वास्थ्य विभाग ने 32 अस्पतालों और पैथोलॉजी प्रयोगशालाओं के लाइसेंस निलंबित करके सख्त कार्रवाई की है। यह निर्णय तब लिया गया जब यह पाया गया कि कई संचालकों ने अनुपालन और मानकों के साथ पिछले मुद्दों के बावजूद नए नामों के तहत लाइसेंस के लिए फिर से आवेदन करके नियमों को दरकिनार करने का प्रयास किया। इस कार्रवाई के पीछे के कारणों पर करीब से नज़र डालें।
स्वास्थ्य सुविधाओं में लाइसेंस उल्लंघन पाया गया
आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि 2023-24 सत्र के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन में कई अनियमितताएँ सामने आईं। कई अस्पतालों और प्रयोगशालाओं ने बदले हुए नामों के तहत फिर से आवेदन किया, लेकिन भौतिक निरीक्षण से पता चला कि वही मेडिकल स्टाफ और उपकरण अभी भी उपयोग में थे, कुछ सुविधाओं के पते भी पहले वाले ही थे। इन युक्तियों का उद्देश्य चिकित्सा मानकों में पिछली कमियों और योग्य कर्मियों की कमी को छिपाना था।
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पृष्ठभूमि जाँच से पिछले मुद्दों का पता चला
पुराने रिकॉर्ड की समीक्षा से इन सुविधाओं से जुड़ी पिछली शिकायतों पर प्रकाश पड़ता है, खासकर रोगी सुरक्षा और अनुपालन से संबंधित मामलों में। निरीक्षण के दौरान, इनमें से कई अस्पतालों और प्रयोगशालाओं में आवश्यक चिकित्सा संसाधनों, योग्य डॉक्टरों और उचित रूप से सुसज्जित आईसीयू और ऑपरेटिंग रूम की कमी पाई गई। कुछ में तो सीसीटीवी निगरानी भी अपर्याप्त थी, जिससे रोगी देखभाल और सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ गई।
भविष्य के निरीक्षण और लाइसेंस प्रतिबंध
इन निष्कर्षों के बाद, एक टीम को फिर से निरीक्षण के लिए भेजा गया और कमियों की पुष्टि होने पर, स्वास्थ्य विभाग ने सुविधाओं के लाइसेंस को निलंबित करने और मौजूदा आवेदनों को अस्वीकार करने का फैसला किया। इन सुविधाओं को 2024-25 सत्र के लिए लाइसेंस नहीं दिया जाएगा और क्षेत्र के अस्पतालों के लिए नए आवेदनों की कड़ी जाँच की जाएगी।
यह कार्रवाई आगरा की स्वास्थ्य सुविधाओं में गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, जिससे रोगियों को विश्वसनीय और पेशेवर देखभाल मिलती है।