उत्तराखंड सरकार और आइसलैंड की कंपनी VERKIS के मध्य संपादित हुआ भूतापीय ऊर्जा के अन्वेषण और इसके विकास से संबंधित MoU
मुख्यमंत्री धामी और आइसलैंड के राजदूत बेनेडिक्ट हॉस्कुल्सन की उपस्थिति में हुआ समझौता ज्ञापन
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MoU के मुख्य बिंदु:
- उत्तराखंड में भूतापीय ऊर्जा के अन्वेषण और विकास में जुड़ेगा नया आयाम।
- आइसलैंड की कंपनी वर्किस की विशेषज्ञता का लाभ।
- उत्तराखंड के साथ-साथ देश की ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास में माइलस्टोन होगा साबित।
- उत्तराखंड में भू-तापीय ऊर्जा के दोहन योग्य 40 भू-तापीय स्थल चिन्हित।
- भारत के 2070 के कार्बन न्यूट्रल बनने के संकल्प में होगा सहायक।
उत्तराखंड सरकार और आइसलैंड की प्रमुख कंपनी वर्किस कंसलटिंग इंजिनियर्स के मध्य सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और आइसलैंड के राजदूत डॉ. बेनेडिक्ट हॉस्कुल्सन की उपस्थिति में समझौता हुआ। इस समझौते का उद्देश्य उत्तराखंड में भूतापीय ऊर्जा के अन्वेषण और विकास को बढ़ावा देना है।
मुख्यमंत्री धामी ने वर्चुअल माध्यम से इस MoU को उत्तराखंड और भारत की ऊर्जा सुरक्षा तथा सतत विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस समझौते के माध्यम से न केवल स्वच्छ और नवीनीकरण ऊर्जा का लक्ष्य प्राप्त होगा, बल्कि पर्यावरणीय सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए समावेशी विकास की दिशा में भी प्रगति होगी।
मुख्यमंत्री ने आइसलैंड के भूतापीय ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि इस तकनीकी सहयोग और अनुभव से उत्तराखंड एक प्रमुख राज्य के रूप में उभरेगा।
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उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार के तीन प्रमुख मंत्रालयों – पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन और नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय, और विदेश मंत्रालय से इस परियोजना के लिए अनापत्ति प्राप्त हो चुकी है। राज्य में भूतापीय ऊर्जा की व्यवहारिकता के अध्ययन का खर्च आइसलैंड सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण और वाडिया हिमालय भू-वैज्ञानिक संस्थान, देहरादून के द्वारा किए गए आकलन के अनुसार उत्तराखंड राज्य में लगभग 40 भू-तापीय स्थल चिन्हित किए गए हैं, जहाँ भूतापीय ऊर्जा का दोहन किया जा सकता है।
वर्किस कंसलटिंग इंजिनियर्स आइसलैंड की एक प्रमुख कंपनी है जो भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर विशेषज्ञता रखती है। उनकी तकनीकी क्षमताएं और अनुभव उत्तराखंड में भूतापीय परियोजनाओं को तेजी से और कुशलता से विकसित करने में सहायक होंगी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, दिलीप जावलकर, दीपेंद्र चौधरी, विशेष सचिव /रेजिडेंट कमिश्नर अजय मिश्रा, अपर सचिव रंजना राजगुरु, प्रबंध निदेशक यू.जे.वी.एन. लिमिटेड संदीप सिंहल, और प्रबंध निदेशक पिटकुल पी.सी. ध्यानी सहित वर्किस कंपनी से हैंकर हैरोल्डसन, रंजीत कुंना और आइसलैंड एंबेसी से राहुल चांगथम उपस्थित थे।