Bhimtal Bus Accident : उत्तराखंड के भीमताल के आमडाली क्षेत्र में बुधवार दोपहर पिथौरागढ़ से हल्द्वानी जा रही एक रोडवेज बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। बताया गया है कि बस एक कार को बचाने के प्रयास में पैरापिट तोड़कर करीब 150 फीट गहरी खाई में गिर गई। बस में कुल 27 यात्री सवार थे। हादसे में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें धारचूला निवासी एक दंपती और एक बच्चा शामिल हैं। चालक और परिचालक समेत 23 लोग घायल हुए, जिनमें से 21 की हालत गंभीर है।
Bhimtal Bus Accident : दुर्घटना की प्रमुख बातें
- मृतकों की पहचान:
- खड़क सिंह (55) और उनकी पत्नी गंगा धामी (48), निवासी खेला धारचूला।
- दक्ष पंत (6), निवासी पिथौरागढ़।
- सुरेंद्र सिंह धर्मसत्तू (58), निवासी ग्राम टिमटिया तेजम पिथौरागढ़।
- घायल यात्री:
बस में सवार अधिकांश यात्री गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए पहले भीमताल सीएचसी और फिर हल्द्वानी के डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल भेजा गया। - रेस्क्यू अभियान:
- हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों और पुलिस ने मिलकर घायलों को खाई से निकाला।
- रेस्क्यू में एसडीआरएफ की टीम की कमी महसूस हुई।
- गंभीर रूप से घायल यात्रियों को हल्द्वानी भेजने के बाद, हेली सेवा के माध्यम से ऋषिकेश एम्स ले जाने पर विचार किया जा रहा है।
- प्रशासन की प्रतिक्रिया:
- एएसपी जगदीश चंद्रा, सीडीओ अशोक कुमार पांडे, संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल, और आरटीओ गुरुदेव सिंह घटनास्थल पर पहुंचे।
- प्रदेश की खेल मंत्री रेखा आर्या ने अस्पताल जाकर घायलों का हाल जाना।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख, गंभीर घायलों को ₹3 लाख और मामूली रूप से घायल यात्रियों को ₹15,000-₹25,000 की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
स्थिति का विश्लेषण
- हादसे की जांच में यह बात सामने आई है कि एक कार को बचाने के प्रयास में बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई।
- दुर्घटना स्थल से भीमताल सीएचसी नजदीक होने के बावजूद वहां पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए, जिसके कारण स्थानीय लोगों और पुलिस को रेस्क्यू अभियान चलाने में कठिनाई हुई।
- रेस्क्यू कार्य में देरी और आवश्यक संसाधनों की कमी ने प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं।
मुख्यमंत्री का संदेश:
सीएम धामी ने स्थानीय लोगों के रेस्क्यू प्रयासों की सराहना की और कहा कि प्रदेश सरकार हरसंभव मदद प्रदान करेगी। उन्होंने दुर्घटना के पीड़ितों को जल्द राहत और बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के निर्देश दिए।
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यह हादसा एक बार फिर उत्तराखंड में सड़क सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत को रेखांकित करता है।