भाजपा की नगर निकाय चुनाव की प्रत्याशी किरण जैसल ने अपने चुनावी संकल्प पत्र को आम जनता के सुझावों के आधार पर तैयार करने का फैसला लिया है। उनका यह कदम इस बात को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि संकल्प पत्र में समुदाय की वास्तविक आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को शामिल किया जाए।
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किरण जैसल का यह प्रयास पारदर्शिता और समावेशिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। जनता को घोषणा पत्र निर्माण प्रक्रिया में शामिल करने से लोगों के मन में यह विश्वास उत्पन्न होगा कि उनकी आवाजें सीधे नीतियों पर असर डाल रही हैं। इससे जनता का भरोसा और भागीदारी बढ़ने की संभावना है।
ऐसी भागीदारी प्रक्रियाएं अधिक प्रभावी शासन की ओर ले जा सकती हैं क्योंकि नीतियां समुदाय द्वारा पहचानी गई स्थानीय समस्याओं को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं। यह दृष्टिकोण लोकतांत्रिक सिद्धांतों के अनुरूप है और नागरिकों में यह भावना पैदा करता है कि उनके दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाले फैसलों में उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण है।
राजनीतिक घोषणापत्रों में जनता के सुझावों को शामिल करने का यह तरीका कई अवसरों पर देखा गया है। उदाहरण के लिए, दिल्ली भाजपा ने अपने घोषणा पत्र के लिए 1 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त किए थे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक प्रक्रियाओं में जनता की भागीदारी का चलन बढ़ रहा है।
कुल मिलाकर, किरण जैसल का अपने संकल्प पत्र को जनता की राय पर आधारित करने का निर्णय एक सराहनीय प्रयास है। यह कदम राजनीतिक एजेंडा को मतदाताओं की वास्तविक चिंताओं के साथ जोड़ने में मदद कर सकता है और इससे अधिक उत्तरदायी और जवाबदेह शासन की दिशा में कदम बढ़ाया जा सकता है।