देहरादून। बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने तेलंगाना में पंच केदार मंदिर और बदरीनाथ धाम की प्रतिकृति के निर्माण को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। समिति ने श्री दक्षिणेश्वर केदारनाथ मंदिर ट्रस्ट और उत्तराखंड कल्याणकारी संस्था को नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है।
नोटिस का मुख्य आधार
बीकेटीसी का कहना है कि:
- Advertisement -
- केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम की छवियों का उपयोग और इन धामों के नाम का प्रचार-प्रसार में इस्तेमाल सनातन धर्मावलंबियों की भावनाओं और आस्थाओं को ठेस पहुंचाने वाला है।
- श्री दक्षिणेश्वर केदारनाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा पंच केदार मंदिर के निर्माण में केदारनाथ धाम की फोटो का उपयोग किया गया।
- उत्तराखंड कल्याणकारी संस्था ने तेलंगाना में बदरीनाथ धाम मंदिर का निर्माण किया, जिसमें मंदिर का गर्भगृह और संपूर्ण संरचना बदरीनाथ धाम की प्रतिकृति है।
बीकेटीसी की आपत्ति
बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने स्पष्ट किया है कि इन कार्यों से सनातन धर्म की मान्यताओं और भावनाओं का उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के नाम, छवि, और संरचना का उपयोग किसी भी प्रकार से करना धार्मिक और कानूनी रूप से अनुचित है।
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
नोटिस में कहा गया है कि यदि 15 दिनों के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बीकेटीसी ने इस मामले को सनातन धर्म की परंपराओं और आस्थाओं का उल्लंघन बताते हुए इसे गंभीर मुद्दा बताया है।
आस्था और धार्मिक स्थल की सुरक्षा पर जोर
बीकेटीसी का मानना है कि बदरीनाथ और केदारनाथ जैसे धाम न केवल धार्मिक आस्था के केंद्र हैं बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान भी हैं। इनकी छवि और नाम का अनुचित उपयोग रोकना आवश्यक है ताकि श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान बना रहे।
संस्थाओं के लिए संदेश
बीकेटीसी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों संस्थाओं को जिम्मेदार ठहराया और यह सुनिश्चित करने को कहा कि भविष्य में ऐसे कार्य न हों जो धर्म और आस्था को प्रभावित करें।
- Advertisement -
यह मामला धार्मिक संस्थानों की पहचान और उनके संरक्षण के महत्व को रेखांकित करता है। बीकेटीसी द्वारा उठाए गए कदम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माने जा रहे हैं।