बद्रीनाथ हाईवे पर काम करने वाले कर्मचारियों को उस समय भयावह स्थिति का सामना करना पड़ा, जब सड़क साफ करते समय अचानक उन पर पत्थर गिरने लगे। त्वरित सोच और त्वरित कार्रवाई ने उनकी जान बचाई, सभी कर्मचारी सुरक्षित बाहर निकल आए। थोड़ी सी भी देरी से हादसा हो सकता था।
जोशीमठ के पास हाईवे पर मलबा गिरने के कारण जोखिम बना हुआ है, जिससे पैदल चलने वालों का आवागमन जोखिम भरा हो गया है। हाईवे बंद होने का यह तीसरा दिन है। साइट पर एक बड़ा पत्थर एक ड्रिलिंग मशीन से भी टकराया। सड़क अभी भी बंद होने के कारण यात्रियों ने अपनी गाड़ियों में ही एक और रात बिताई, क्योंकि स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) मलबा हटाने के लिए अथक प्रयास कर रहा है, जिसमें लगभग 3,000 तीर्थयात्री अभी भी फंसे हुए हैं।
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बीआरओ टीम के जारी प्रयास
जोशीमठ चुंगीधार के पास चट्टान तोड़ने की गतिविधियों से गिरते मलबे और पत्थरों के कारण बद्रीनाथ हाईवे बंद होने से यात्रियों पर असर पड़ रहा है। कल जोशीमठ और पीपलकोठी के बीच करीब 3,000 तीर्थयात्री फंसे हुए थे। प्रशासन ने फंसे हुए तीर्थयात्रियों को 3,500 से ज़्यादा खाने के पैकेट बांटे।
कुछ लोगों ने पास के होटलों में शरण ली, तो कई लोगों को अपनी गाड़ियों में ही रात बितानी पड़ी। तमाम कोशिशों के बावजूद बीआरओ की टीम अभी तक हाईवे को खोल नहीं पाई है। गुरुवार सुबह तक वाहनों की आवाजाही फिर से शुरू होने की उम्मीदें थीं, लेकिन स्थिति अनिश्चित बनी हुई है। हेलंग से मारवाड़ी तक ऑल वेदर प्रोजेक्ट के चौड़ीकरण कार्य में हाल ही में बीआरओ द्वारा बड़े पैमाने पर पहाड़ी की कटाई की गई है, जिससे मौजूदा चुनौतियों में इज़ाफा हुआ है।