Business Idea In Uttarakhand :- बुरांश उत्तराखंड के राज्य वृक्ष है जो दिखने में तो प्राकर्तिक रूप से बहुत सुन्दर लगता ही है , उसके साथ- साथ इसके फूल से बनाने वाला जूस भी स्वास्थ्य के बहुत अधिक लाभदायक होता है आज हम इस लेख के द्वारा जानने का प्रयास करेंगे की किस प्रकार बुरांश के जूस का बिज़नेस प्रारम्भ किया जा सकता है।
Business Idea In Uttarakhand :- बुरांश के जूस का बिज़नेस कैसे करे प्रारम्भ जाने ?
क्या है बुरांश का फूल ?
बुरांश का फूल उत्तराखंड का राज्य वृक्ष है एवं नेपाल का राष्ट्रीय फूल है ये पहाड़ी क्षेत्र जो 1500 मीटर से लेकर 4000 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रो में गर्मियों के मौसम अप्रैल एवं मई महीने में बुरांश का फूल खिलता है , इस फूल का रंग लाल एवं गुलाबी होता है , इसका बायोलॉजिकल नाम रोडोडेंड्राँन (Rhododendron) है।
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क्या है बुरांश के फूल के लाभ ?
वनस्पति शास्त्री डा.जेसी पंत के मुताबिक बुरांश के फूल की पत्तियों में पोटेशियम, कैल्शियम, विटामिन सी और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। बुरांश में एंटी हिपेरग्लिसेमिक गुण होता है। इससे रक्त में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है। मधुमेह को नियंत्रित करने में भी यह सहायक है। क्वेरसेटिन, रुटीन, कौमारिक जैसे एक्टिव कंपाउंड पाए जाते हैं जो स्वास्थ के लिए फायदेमंद होते हैं।
बुरांश के फूल का क्या-क्या उपयोग किया जा सकता है ?
बुरांश के फूल का उपयोग चटनी बनाने में भी किया जा सकता है बुरांश के फूल का उपयोग उत्तराखंड में जूस बनाने में बहुत अधिक मात्रा में किया जाता है , बहुत से युवा एवं स्वयं सहायता समूहों के द्वारा भी इसके जूस एवं चटनी का उत्पादन व्यवसाइक रूप से जीविकापार्जन के लिए किया जाता है।
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Business Idea In Uttarakhand बुरांश के जूस का बिज़नेस कैसे करे ?
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रो में बुरांश का फूल पर्याप्त मात्रा में अप्रैल एवं मई के महीने में मिलता है , जिसको एकत्रित करके इसके फूल का जूस एवं चटनी बनाकर इसको पुरे साल सेल किया जा सकता है।
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बुरांश के फूल का जूस एवं चटनी बनाने के व्यापार को प्रारम्भ करने से पहले किन किन बातो का ध्यान रखना चाहिए।
- सर्वप्रथम इसको प्रारम्भ करने के लिए आपको ये निर्णय लेना होगा की व्यक्तिगत रूप से प्रारम्भ करे या स्वयं सहायता समहू बनाकर प्रारम्भ करना है ।
- उसके पश्चात आपको निवेश सम्बंधित प्लानिंग करनी होगी कितना बजट लगेगा जूस का प्लांट लगाने में और किस प्रकार बजट मैनेज करना है बैंक फाइनेंस के द्वारा या स्वयं के द्वारा।
- यदि आपको स्वयं का धन लगाकर जूस का प्लांट लगाना है तो आप तुरंत प्रारम्भ कर सकते है एवं यदि आपको बैंक से लोन लेकर प्रारम्भ करना है तो उसके लिए उत्तराखंड सरकार की मुख्यमत्री स्वरोजगार योजना के द्वारा आवेदन करके आसानी से बैंक से कम ब्याज दर में लोन लेकर बिज़नेस प्रारम्भ किया जा सकता है।
- बुरांश के जूस का बिज़नेस के लिए सरकार के द्वारा जीएमवीएन , कृषि विभाग एवं अन्य प्राइवेट ग्रुप्स के द्वारा भी ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया जाता रहता है समय समय पर आप उसमे प्रतिभाग करके इसकी पूर्ण ट्रेनिंग ले सकते है।
- आवेदक को इसके लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से लाइसेंस /एनओसी लेनी होगी।
- जहा तक बजट की बात है तो छोटे स्तर पर 2 लाख से लेकर 5 लाख या उस से अधिक में प्रारम्भ किया जा सकता है बुरांश के जूस का बिज़नेस ।
- बुरांश के जूस का बिसनेस के लिए आप अपने बजट के अनुसार मशीन कस्टमाइज्ड करवा सकते है नहीं तो जो नॉर्मल जूसर मशीन कमर्सिअल उपयोग के लिए उपलब्ध है उन से कार्य चला सकते है , इसके अलावा जूस फिलिंग एवं पैकजिंग की मशीन की भी आवश्यकता होगी , जूस फिलिंग मैन्युअली भी किया जा सकता है पैकजिंग यदि मशीन से हो तो ब्रांडिंग बढ़िया दिखती है जिस से ग्राहक का प्रोडक्ट को लेने का विश्वास बढ़ता है।
- बुरांश के जूस का बिसनेस को प्रारम्भ करने में सबसे महत्वपूर्ण बिन्दुओ में से एक हाइजीन का विशेष ध्यान देना होता है जूस बनते समय प्लांट में ।
- बुरांश के जूस का बिज़नेस के लिए मुख्य मटेरियल चीनी , इंग्रेडिएंट्स , पैकेजिंग सम्बंधित मटेरियल आदि की ही मुख्य आवश्यकता पड़ती है ।
- बुरांश के जूस का बिज़नेस की मार्केटिंग सबसे मुख्य एवं महत्वपूर्ण बिन्दुओ में से एक है यदि सेल ही नहीं होगी तो लाभ किस प्रकार होगा , इसके लिए आपको विभिन्न दुकानदारों से अपने आसपास एवं देहरादून एवं अन्य सिटी में संपर्क करना होगा इसके अलावा सोशल मीडिया एवं ऑनलाइन सेल्लिंग प्लेटफॉर्म पर भी अपने प्रोडक्ट को लिस्ट करके सेल कर सकता है ।
आशा है आपको हमारे द्वारा लिखा लेख Business Idea In Uttarakhand :- बुरांश के जूस का बिज़नेस कैसे करे प्रारम्भ जाने ? पसंद आया होगा इसके बारे में आप भी अपना सुझाव दीजियेगा यदि कुछ परिवर्तन या जोड़ना हो लेख में तो किया जायेगा , क्योकि हमारा इस प्रकार के लेख को लिखने का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड में अधिक से अधिक लोगो को स्वरोजगार की जानकारी उपलब्ध करवानी है ।