उत्तराखंड के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु पायलट बाबा की संपत्ति को हड़पने के आरोप में तल्लीताल पुलिस ने दिल्ली, मध्य प्रदेश और बिहार के सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यह कार्रवाई पायलट बाबा के शिष्य स्वामी मंगल गिरि की शिकायत के बाद कोर्ट के आदेश पर की गई है।
मामले की पृष्ठभूमि:
पायलट बाबा जिनका वास्तविक नाम कैप्टन विजयपाल सिंह था 20 अगस्त 2024 को महासमाधि लेने के बाद उनकी संपत्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया। स्वामी मंगल गिरि ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने पायलट बाबा की संपत्ति हड़पने के लिए साजिश रची और फर्जी दस्तावेज तैयार किए।
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आरोपों के मुख्य बिंदु:
✅ फर्जी दस्तावेज तैयार करना: आरोपियों ने महायोगी पायलट बाबा कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल एंड रिसर्च, गेठिया की मान्यता प्राप्ति के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए।
✅ फर्जी वसीयत: आरोपियों ने पायलट बाबा की फर्जी वसीयत तैयार की और सरकारी संस्थाओं के साथ धोखाधड़ी की।
✅ बैंक खाते खुलवाना: आरोपियों ने बाबा की संपत्ति को हड़पने के लिए बैंकों में खाते खुलवाए।
✅ इलाज में लापरवाही: स्वामी मंगल गिरि ने आशंका जताई कि आरोपियों ने बाबा की बीमारी का फायदा उठाकर उनके इलाज में लापरवाही बरती और उन्हें मारने की साजिश रची।
आरोपियों के नाम:
तल्लीताल पुलिस ने दिल्ली निवासी चंद्रकला पांडे, चेतना, मुकेश सिंह, जेबी शेरावत, अजय कुमार सिंह, बिहार निवासी अमर अनिल सिंह और मध्य प्रदेश निवासी जय प्रकाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
कोर्ट का आदेश:
स्वामी मंगल गिरि की शिकायत पर सीजेएम कोर्ट ने पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए। थाना प्रभारी अविनाश मौर्य ने बताया कि मामले की जांच जारी है और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
पायलट बाबा की विरासत:
पायलट बाबा ने अपने जीवनकाल में आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यों के माध्यम से हजारों लोगों को प्रभावित किया। उनकी संपत्ति और संस्थानों को लेकर यह विवाद उनकी विरासत को नुकसान पहुंचा सकता है। स्वामी मंगल गिरि ने इस मामले को उजागर करके पायलट बाबा की संपत्ति को सुरक्षित करने की कोशिश की है।