- आरोप: फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिडकुल में सरकारी नौकरी पाने वाले तीन व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों में एचआर में एक सहायक महाप्रबंधक और दो ड्राइवर शामिल हैं।
- बर्खास्तगी: एसआईटी जांच के आधार पर, तीनों व्यक्तियों को आधिकारिक रूप से अपनी भूमिका शुरू करने से पहले ही उनके पदों से बर्खास्त कर दिया गया।
- मामले का विवरण: एचआर प्रबंधक करण सिंह नेगी की राजपुर थाने में लिखित शिकायत के अनुसार, सहायक महाप्रबंधक एचआर सहित विभिन्न पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया 2016 में हुई थी। सी ब्लॉक रानीपुर हरिद्वार निवासी राखी का चयन सहायक महाप्रबंधक एचआर पद के लिए हुआ था। उसने एमबीए की डिग्री के साथ आठ साल के अनुभव का दावा करते हुए एक अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया। इंजीनियरिंग कॉलेज रुड़की द्वारा जारी प्रमाण पत्र और 2007 से 2014 तक सिडकुल के साथ उसके कथित अनुभव था लेकिन इंजीनियरिंग कॉलेज रुड़की के अनुभव प्रमाण पत्र को फर्जी पाया गया है।
अतिरिक्त आरोप:
- मसूरी निवासी अमित खत्री, जो ड्राइवर के तौर पर काम करता है, ने खुद को गुरुकुल यूनिवर्सिटी वृंदावन मथुरा से दसवीं पास बताया था। परीक्षा केंद्र भगवती देवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मुजफ्फरनगर में दर्ज किया गया था। गुरुकुल यूनिवर्सिटी ने इस प्रमाण पत्र को फर्जी पाया।
- लोअर नेहरू विलेज निवासी विकास कुमार नामक एक अन्य ड्राइवर ने भी फर्जी दस्तावेज जमा किए थे, जिसमें उसने 2007 में गुरुकुल यूनिवर्सिटी से दसवीं में प्रथम श्रेणी में पास होने का दावा किया था। परीक्षा केंद्र एशियन कॉलेज ऑफ एजुकेशन बड़ोवाला देहरादून था, जो अस्तित्व में नहीं पाया गया।
- वर्तमान स्थिति: सिडकुल ने नौकरी पाने के लिए इस्तेमाल किए गए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तीनों व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस सिडकुल द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों के आधार पर मामले की जांच कर रही है।
- आधिकारिक बयान: अशोक राजपुर पीडी भट्ट ने पुष्टि की कि पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और आगे की जांच जारी है।