उत्तराखंड के परिवहन अधिकारियों ने एक आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार सभी चार धाम तीर्थयात्रियों को अपनी यात्रा के दौरान कचरा बैग ले जाना होगा। इस पहल का उद्देश्य प्राचीन पर्वतीय पर्यावरण को संरक्षित करना है, जिसके तहत सख्त प्रवर्तन उपाय किए गए हैं।
उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के मुख्य निर्देश:
- अनिवार्य कचरा बैग: चार धाम मंदिरों- गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ- की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को अपने वाहनों में कचरा बैग ले जाना होगा। समुद्र तल से 3,000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित ये पवित्र स्थल पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र का हिस्सा हैं।
- वाहन अनुपालन: केवल डस्टबिन या कचरा बैग से लैस वाहनों को ही चार धाम यात्रा मार्ग पर जाने की अनुमति होगी। परिवहन विभाग के अधिकारी इस नए नियम को लागू करने के लिए पड़ोसी राज्यों के समकक्षों के साथ समन्वय कर रहे हैं।
- पड़ोसी राज्यों से संवाद: उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश के परिवहन आयुक्तों को इन क्षेत्रों से आने वाले तीर्थयात्रियों से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए इन आवश्यकताओं के बारे में सूचित किया गया है।
- गैर-अनुपालन के लिए दंड: इन नियमों का उल्लंघन करने वाले तीर्थयात्रियों को जुर्माना और चालान सहित दंड का सामना करना पड़ेगा।
उन्नत डेटा प्रबंधन:
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- चारधाम डैशबोर्ड: लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा जल्द ही एक नया डैशबोर्ड लॉन्च किया जाएगा। यह प्लेटफ़ॉर्म यात्रा मार्ग से संबंधित वास्तविक समय के डेटा को ट्रैक और प्रदर्शित करेगा, जिसमें ब्लैक स्पॉट, फिसलन वाले क्षेत्र, वैकल्पिक मार्ग, मलबे से अवरुद्ध सड़कें, भूस्खलन, ट्रैफ़िक जाम और सड़क दुर्घटनाएँ शामिल हैं।
- वास्तविक समय अपडेट: अधिकारियों को चार धाम यात्रा में शामिल सभी विभागों के बीच कुशल सूचना विनिमय और डेटा साझा करने की सुविधा के लिए डैशबोर्ड को नियमित रूप से अपडेट करने का निर्देश दिया गया है।
तीर्थयात्रियों की संख्या और प्रगति:
- उच्च तीर्थयात्री उपस्थिति: 10 मई को चार धाम यात्रा की शुरुआत के बाद से, 25 जुलाई तक तीर्थयात्रा में 3.1 मिलियन से अधिक आगंतुक आ चुके हैं।
यह पहल सभी आगंतुकों के लिए एक सहज और सुरक्षित तीर्थयात्रा अनुभव सुनिश्चित करते हुए क्षेत्र के पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।