बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने बुराड़ी, हिरनकी, दिल्ली में श्री केदारनाथ मंदिर (दिल्ली) का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया।
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि दिल्ली में बाबा केदार का मंदिर बनने से शिव भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होंगी। उन्होंने बुराड़ी क्षेत्र के पौराणिक महत्व का उल्लेख किया, जो महाभारत काल से जुड़ा है। उत्तराखंड की मूल पहचान एवं सनातन संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने वाला यह मंदिर बुराड़ी में संस्कृति एवं आस्था का आधुनिक प्रतीक बनेगा।
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मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह मंदिर शिव भक्तों एवं सनातन संस्कृति की आस्था को मजबूत करेगा, आस्था को जीवन से, लोगों को महादेव से, समाज को आध्यात्म से तथा वर्तमान पीढ़ी को प्राचीन संस्कृति से जोड़ेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने सनातन संस्कृति को विश्व स्तर पर फैलाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर प्रकाश डाला। मोदी के नेतृत्व में उज्जैन में महाकाल लोक, भव्य काशी कॉरिडोर और अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इसके अतिरिक्त, श्री केदारनाथ और श्री बद्रीनाथ में पुनर्निर्माण कार्य जारी है।
धामी ने कहा कि यह अवधि भारत की सनातन संस्कृति के पुनरुद्धार का प्रतीक है, जिसमें विदेशी मेहमानों का स्वागत अब श्रीमद्भागवत गीता के साथ किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराखंड के पवित्र स्थानों जैसे श्री केदारनाथ धाम और आदि कैलाश को बढ़ावा देने के लिए आदि कैलाश में योग दिवस का आयोजन किया गया।
इस पहल के प्रमाण के रूप में योग की वैश्विक स्वीकृति पर प्रकाश डाला गया। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार सनातन संस्कृति के उत्थान की दिशा में लगातार काम कर रही है, हर साल चार धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है।
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अन्य धार्मिक स्थलों का विकास भी तेजी से हो रहा है और आगामी कांवड़ मेले की तैयारियां चल रही हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सनातन संस्कृति भक्ति, विश्वास, दया, करुणा, मानवता और राष्ट्र सेवा सिखाती है और उम्मीद जताई कि बुराड़ी में केदारनाथ धाम मानवता को प्रेरित करेगा।
कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि जी महाराज, स्वामी राजेंद्रानंद, गोपाल मणि महाराज, विधायक श्री महेश जीना, डॉ. प्रमोद नैनवाल, श्री संदीप झा, श्री सुरेंद्र रौतेला, श्री जय नारायण अग्रवाल आदि उपस्थित थे।