मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को हरेला महोत्सव के दौरान किए गए वृक्षारोपण गतिविधियों का गहन दस्तावेजीकरण करने का निर्देश दिया है। यह दस्तावेजीकरण माननीय मुख्यमंत्री को प्रस्तुत किया जाना है।
मुख्य सचिव द्वारा जारी किए गए प्रमुख निर्देशों में शामिल हैं:
- अनिवार्य दस्तावेजीकरण: जिलाधिकारियों को हरेला महोत्सव के दौरान वृक्षारोपण की सभी गतिविधियों का दस्तावेजीकरण करना आवश्यक है।
- अतिक्रमण क्षेत्र: जिन क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाया गया है, वहां बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाना है, साथ ही नए लगाए गए पेड़ों की सुरक्षा के लिए बाड़ लगाई जानी है।
- बांस के पौधे: सड़कों के किनारे क्रैश बैरियर के स्थान पर बांस के पौधे लगाए जाने हैं।
- समन्वय और योजना: जिला वन अधिकारियों (डीएफओ) को नियोजित वृक्षारोपण स्थलों का विवरण तुरंत वन बल प्रमुख (हॉफ) को भेजना चाहिए।
- शहरी फोकस: विकास प्राधिकरणों से शहरी क्षेत्रों में कंक्रीट निर्माण की तुलना में वृक्षारोपण को प्राथमिकता देने का आग्रह किया गया है।
सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव रतूड़ी ने जिलों में वृक्षारोपण के लिए ठोस कार्ययोजना की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्यमंत्री से इन गतिविधियों पर विस्तृत रिपोर्ट अपेक्षित है। इसका लक्ष्य 16 जुलाई को हरेला पर्व को व्यापक जन आंदोलन बनाना है, जिसमें व्यापक वृक्षारोपण और सामुदायिक भागीदारी शामिल हो।
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अतिरिक्त निर्देश:
- नर्सरी में पर्याप्त संख्या में पौधे सुनिश्चित करें, जिसमें दो वर्ष से अधिक पुराने पौधों को प्राथमिकता दी जाए।
- ग्राम पंचायत बैठकों के दौरान वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित करें।
- हरेला वन स्थापित करें और उनका रखरखाव करें।
देहरादून जिले में 10 लाख से अधिक पेड़ लगाने का लक्ष्य है, जबकि हरिद्वार में 2 लाख से अधिक पेड़ लगाने का लक्ष्य है। मानसून की बारिश के साथ ही वन विभाग ने क्षेत्र स्तर पर वृक्षारोपण शुरू कर दिया है, जो लक्ष्य का लगभग 20 प्रतिशत पूरा कर चुका है।
इस वर्ष हरेला पर्व की थीम है “पर्यावरण की रक्षा, हर घर में हरियाली, समृद्धि और खुशहाली लाना।” स्थानीय जनप्रतिनिधियों, छात्रों, स्थानीय निकायों और आम जनता की भागीदारी के साथ फल और चारे की प्रजातियों के रोपण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
विभागीय वृक्षारोपण और 2024-25 की अवधि में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण के लिए “एक पेड़ माँ के नाम” हैशटैग का उपयोग किया जाना है, जिसकी प्रगति को Merilife.nic.in पोर्टल पर ट्रैक किया जाएगा।
वर्चुअल मीटिंग में प्रमुख सचिव श्री रमेश कुमार सुधांशु, मुख्य वन संरक्षक, अपर मुख्य वन संरक्षक, अपर सचिव श्री विनीत कुमार और सभी जिला मजिस्ट्रेट शामिल हुए।