मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में पत्रकारों के कल्याण के लिए अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन जारी रखा है, उन्होंने पत्रकारों के पेशेवर और व्यक्तिगत कल्याण को बढ़ाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। पिछले महीने सूचना निदेशालय में समीक्षा बैठक के बाद सीएम धामी ने कई ऐसे कदम उठाए हैं जो पत्रकारों के हितों के प्रति उनके समर्पण को दर्शाते हैं।
पत्रकार कल्याण कोष को बड़ा बढ़ावा
एक उल्लेखनीय कदम उठाते हुए सीएम धामी ने पत्रकार कल्याण कोष की राशि को ₹5 करोड़ से बढ़ाकर ₹10 करोड़ कर दिया है। इस वृद्धि का उद्देश्य राज्य भर के पत्रकारों को अधिक वित्तीय सुरक्षा और सहायता प्रदान करना है। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को पत्रकारों के लिए समूह बीमा के कार्यान्वयन का पता लगाने का निर्देश दिया है, ताकि उनकी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
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तहसील स्तर पर पत्रकारों को मान्यता
सीएम धामी ने तहसील स्तर पर काम करने वाले पत्रकारों को आधिकारिक मान्यता देने के लिए भी कदम उठाए हैं। यह निर्णय सरकार की उस महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है जो जमीनी स्तर के पत्रकार सूचना के प्रसार और जनहित में निभाते हैं।
सोशल मीडिया पत्रकारों और प्रभावशाली व्यक्तियों के लिए नए नियम
एक दूरदर्शी पहल में, राज्य सरकार अब फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले पत्रकारों और प्रभावशाली व्यक्तियों को मान्यता देने और सूचीबद्ध करने के लिए एक औपचारिक ढांचा तैयार करेगी। सीएम धामी ने सूचना महानिदेशक को इस प्रयास का नेतृत्व करने का निर्देश दिया है। उत्तर प्रदेश में इसी तरह के नियमों से प्रेरणा लेते हुए आवश्यक नियमों का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। यह मसौदा 10 दिनों के भीतर तैयार होने की उम्मीद है।
गैरसैंण में पत्रकारों के लिए विश्राम गृह
पत्रकार समुदाय की मांगों पर प्रतिक्रिया देते हुए, सीएम धामी ने गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में पत्रकारों के लिए विश्राम गृह के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने सूचना महानिदेशक को इस परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए तत्काल कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
सीएम धामी के ये फैसले पत्रकारों की जरूरतों को पूरा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए उनके सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाते हैं कि उनके पास अपने महत्वपूर्ण कार्य को करने के लिए आवश्यक संसाधन और मान्यता हो। चाहे वित्तीय सहायता हो, औपचारिक मान्यता हो या बुनियादी ढांचे का विकास हो, ये पहल राज्य में पत्रकारों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाली हैं।