Hathras : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में हुई दुखद घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं, जिसके चलते मामले की गहन जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया है।
राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है, जिसमें सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ब्रजेश श्रीवास्तव, पूर्व आईएएस अधिकारी हेमंत राव और पूर्व आईपीएस अधिकारी भावेश कुमार सिंह शामिल हैं।
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राज्यपाल ने 2 जुलाई, 2024 को हाथरस जिले के थाना सिकंदराराऊ के फुलेराई मुगलगढ़ी गांव में भोले बाबा के नाम से विख्यात श्री साकार नारायण विश्व हरि के सत्संग कार्यक्रम के दौरान हुई घटना के बाद जनहित में जांच कराना आवश्यक समझा है। इस कार्यक्रम के दौरान सत्संग के बाद भगदड़ मच गई थी, जिसके परिणामस्वरूप सेवादारों और स्थानीय आयोजकों द्वारा भीड़ को नियंत्रित न कर पाने के कारण 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे।
न्यायिक जांच आयोग का विवरण
जांच आयोग अधिनियम, 1952 की धारा 3 के अंतर्गत राज्यपाल ने तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग की स्थापना की है, जिसकी अध्यक्षता इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) करेंगे, जिसका मुख्यालय लखनऊ में होगा। आयोग के सदस्य हैं:
- श्री बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय), माननीय न्यायाधीश (सेवानिवृत्त), इलाहाबाद उच्च न्यायालय – अध्यक्ष
- श्री हेमंत राव (सेवानिवृत्त, आईएएस) – सदस्य
- श्री भावेश कुमार सिंह (सेवानिवृत्त, आईपीएस) – सदस्य
आयोग 2 जुलाई, 2024 की घटना की जांच करेगा और निम्नलिखित बिंदुओं पर रिपोर्ट देगा:
- कार्यक्रम आयोजकों द्वारा जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित अनुमतियों और शर्तों का अनुपालन।
- इस बात की जांच कि घटना आकस्मिक, षडयंत्रपूर्ण या योजनाबद्ध आपराधिक कृत्य थी।
- कार्यक्रम के दौरान जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा भीड़ नियंत्रण और कानून प्रवर्तन उपायों का आकलन।
- घटना के कारणों और परिस्थितियों की पहचान।
- भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सिफारिशें।
आगे के प्रावधान और समयसीमा
राज्यपाल ने जांच की प्रकृति और संबंधित परिस्थितियों पर विचार करते हुए, जांच आयोग अधिनियम की धारा 5 की उपधारा (2), (3), (4) और (5) को इस आयोग पर लागू करने का निर्देश दिया है। आयोग को अधिसूचना की तारीख से दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करनी होगी, इस अवधि में कोई भी बदलाव राज्य सरकार के आदेशों के अधीन होगा।