Haridwar : जहां सिडकुल हरिद्वार की स्थापना को 22 वर्ष से अधिक हो चुके हैं एवं निरंतर उद्योगों का विस्तार हो रहा है वहीं दूसरी तरफ पूरे सिडकुल क्षेत्र में पानी की सप्लाई का बोझ एक ही ओवरहेड टैंक और एक पाइप स्टेशन पर निर्भर है. सिडकुल में सभी उद्योगों के द्वारा बनाए गए विभिन्न संगठन के द्वारा समय-समय पर सिडकुल रीजनल ऑफिस एवं सिडकुल मुख्यालय में अधिकारियों को इन समस्याओं से अवगत कराया जाता रहा है. इसके साथ-साथ जिले में होने वाली निरंतर जिला अधिकारी के साथ उद्योग मित्र की बैठक में भी उसे मुद्दे को उठाया जाता रहा है.
पिछले कई सालों से इस समस्या के समाधान के लिए उद्यमी संगठनों के द्वारा सिडकुल प्रशासन को अतिरिक्त ओवरहेड टैंक एवं एक नए पंप स्टेशन के निर्माण की मांग रखी गई है.
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सिडकुल में कुछ सेक्टर तो ऐसे हैं जहां अभी तक पानी की सुचारू व्यवस्था नहीं है जिसके लिए कंपनियों को बोरिंग करवानी पड़ती है. लेकिन जो छोटे उद्योग हैं उनकी पानी की कमी के लिए बोरिंग की व्यवस्था नहीं है उन उद्योगों को पानी की सप्लाई ठप होने पर अधिक दिक्कत का सामना करना पड़ता है.
व्यवसाय को सुचारू रूप से चलने के लिए उद्यमियों को पानी के टैंकर वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में मांगे जाते हैं जिसमें ₹1000 प्रति टैंकर तक खर्चा आता है.
” पंपिंग स्टेशन क्षतिग्रस्त है ओवरहेड टैंक और एक पंप स्टेशन होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है उच्च स्तर पर नए ओवरहेड टैंक और पंपिंग स्टेशन के निर्माण की प्रक्रिया गतिमान है सिडकुल के सेक्टर 1 सेक्टर 12 ,IIDC सेक्टर में पानी की ज्यादा समस्या बनी रहती है कुछ स्तर पर अप्रूवल मिलने पर निर्माण कार्य शुरू होगा ” राजेंद्र चौधरी, अवर अभियंता सिडकुल.
” उच्च स्तर पर ओवरहेड टैंक और पंपिंग के निर्माण की प्रक्रिया गतिमान है सिडकुल संगठन के सदस्य उच्च अधिकारियों से मिलकर भी मांग कर चुके हैं जल्द प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा ” गिरधर सिंह रावत, रीजनल मैनेजर सिडकुल.