देहरादून नगर निगम चुनाव को लेकर जनता की राय और उनकी उम्मीदें साफ तौर पर सामने आ रही हैं। जैसे-जैसे चुनाव प्रचार तेज हो रहा है, देहरादून के नागरिक अपने शहर की समस्याओं और प्राथमिकताओं को लेकर मुखर हो रहे हैं।
जनता की प्राथमिकताएं:
- स्वच्छता और कचरा प्रबंधन
- आवारा पशुओं और गंदगी से बढ़ती समस्याएं।
- जलभराव और खराब जल निकासी प्रणाली।
- महिलाओं की सुरक्षा
- हर गली में सीसीटीवी कैमरों की मांग।
- चौराहों पर पुलिस की मौजूदगी बढ़ाने की जरूरत।
- बच्चों और बुजुर्गों के लिए सुविधाएं
- खेल के मैदानों और पार्कों की कमी।
- सामुदायिक बैठने की व्यवस्था।
- स्मार्ट सिटी का सही मायने में विकास
- मुख्य सड़कों से इतर गलियों में सुधार।
- बिजली के तारों और ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान।
क्या कहती है जनता?
- बिट्टू: “हमें ऐसा मेयर चाहिए जो जनता की समस्याओं को समझे और समाधान करे, न कि सिर्फ राजनीतिक दलों की सेवा।”
- शान: “महिलाओं की सुरक्षा और अपराध नियंत्रण के लिए हर गली में सीसीटीवी और चौराहों पर पुलिस तैनात होनी चाहिए।”
- बिजेंद्र खत्री: “बच्चों के लिए खेल के मैदानों और पार्कों पर ध्यान देना जरूरी है।”
- अनुराग सुंदरियाल: “स्मार्ट सिटी के नाम पर केवल दिखावटी काम नहीं, बल्कि असली सुधार चाहिए।”
सवाल और उम्मीदें:
जनता का सवाल साफ है—क्या नया मेयर इन चुनौतियों का हल कर पाएगा? देहरादून एक स्मार्ट सिटी बनने का सपना देख रहा है, लेकिन यह तभी संभव है जब नेता वादों को हकीकत में बदले।
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निष्कर्ष:
देहरादून की जनता को ऐसे मेयर की तलाश है, जो हर वर्ग की समस्याओं को समझे और उन्हें प्राथमिकता से हल करे। अब चुनावी नतीजे बताएंगे कि यह सपना कब और कैसे साकार होता है।