देहरादून: फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी और नगर निगम की जमीन को अवैध रूप से बेचने की गंभीर शिकायत के बाद देहरादून की जिलाधिकारी सोनिका ने त्वरित कार्रवाई की है। गहन जांच के बाद इसमें शामिल लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
विवादित जमीन में खसरा संख्या 83जी और 174जेड शामिल है, जो धोराखास गांव में स्थित है, जिसे ग्राम समाज/राजस्व वन भूमि के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस जमीन की विवादित स्थिति को जानते हुए भी कुछ लोगों ने इसे खरीद लिया, नगर निगम को टैक्स दे दिया और फर्जी दस्तावेजों के जरिए इसे बेचने की नीयत से इसकी रजिस्ट्री भी करा ली।
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जांच में आरोप सही पाए गए। जिलाधिकारी सोनिका के निर्देश पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। नगर निगम के टैक्स इंस्पेक्टर ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
इसमें शामिल लोगों में जमुनपुर निवासी अब्दुल मजीद की पत्नी जैतून, जमुनपुर निवासी शरीफ की पत्नी समीना और मोहम्मद शामिल हैं। आरिफ, रिजवान का बेटा, गांव कुंडा छोटा रामपुर। यह जानते हुए भी कि जमीन विवादित है, उन्होंने लेन-देन को आगे बढ़ाया। इसके अलावा, राजपुर के अरुण भाटिया, ठाणे, मुंबई के दिवंगत परमेश्वर साहब के बेटे विनोद साहब और राजपुर, देहरादून के हिमांशु बंसल, निर्मल चौहान और राजवीर परमार करों का भुगतान करने और जाली दस्तावेजों के साथ जमीन की रजिस्ट्री करने में शामिल थे।
अब सभी आरोपियों के खिलाफ पुलिस स्टेशन राजपुर में धोखाधड़ी करके सरकारी जमीन बेचने के सामूहिक प्रयास के लिए मामला दर्ज किया गया है।