दिव्यांग युवक/युवती विवाह प्रोत्साहन अनुदान का परिचय
“दिव्यांग युवक/युवती विवाह प्रोत्साहन अनुदान” उत्तराखंड सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा शुरू की गई एक प्रगतिशील सामाजिक सुरक्षा योजना है। इस योजना का उद्देश्य उन जोड़ों को ₹25,000 की वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिनमें से कोई एक दूल्हा या दुल्हन दिव्यांग (विकलांग व्यक्ति) है। यह पहल विकलांग व्यक्तियों के लिए सामाजिक एकीकरण और सहायता को प्रोत्साहित करती है।
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दिव्यांग युवक/युवती विवाह प्रोत्साहन अनुदान के लाभ
- वित्तीय सहायता: लाभार्थियों को उनके विवाह व्यय का समर्थन करने के लिए ₹25,000 का अनुदान मिलता है।
- सामाजिक समावेश को बढ़ावा देता है: विकलांग व्यक्तियों को शामिल करने वाले विवाहों को प्रोत्साहित करता है, जिससे एक अधिक समावेशी समाज को बढ़ावा मिलता है।
दिव्यांग युवक/युवती विवाह प्रोत्साहन अनुदान के लिए पात्रता मानदंड
दूल्हे के लिए:
- भारत का नागरिक होना चाहिए।
- उत्तराखंड का स्थायी निवासी या कम से कम पांच साल से राज्य में निवास कर रहा हो।
- दूल्हे या दुल्हन में से किसी एक को कम से कम 40% विकलांगता (पीडब्ल्यूडी श्रेणी) होनी चाहिए।
- कोई आपराधिक दोष नहीं।
- विवाह के समय आयु: 21-45 वर्ष।
- सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह होना चाहिए या सक्षम न्यायालय द्वारा विधिपूर्वक संपन्न होना चाहिए।
- आयकर दाता नहीं होना चाहिए।
- पहले से कोई पत्नी नहीं होनी चाहिए।
- छेड़छाड़ या अन्य आपराधिक मामलों के किसी भी आरोप का सामना नहीं करना चाहिए।
दुल्हन के लिए:
- भारत का नागरिक होना चाहिए।
- उत्तराखंड का स्थायी निवासी या कम से कम पांच साल से राज्य में निवास कर रहा हो।
- दुल्हन या दूल्हे में से किसी एक को कम से कम 40% विकलांगता (पीडब्ल्यूडी श्रेणी) होनी चाहिए।
- कोई आपराधिक दोष नहीं।
- विवाह के समय आयु: 18-45 वर्ष।
- सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह होना चाहिए या सक्षम न्यायालय द्वारा विधिपूर्वक संपन्न होना चाहिए।
- आयकर दाता नहीं होना चाहिए।
- पहले से कोई पति नहीं होना चाहिए।
दिव्यांग युवक/युवती विवाह प्रोत्साहन अनुदान के लिए आवेदन प्रक्रिया
ऑफ़लाइन आवेदन चरण:
- आवेदन पत्र प्राप्त करें: सहायक समाज कल्याण अधिकारी के निकटतम कार्यालय से निर्धारित प्रारूप प्राप्त करें।
- फ़ॉर्म भरें: फ़ॉर्म को सही-सही भरें और सभी आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें (यदि आवश्यक हो तो सत्यापित करें)।
- फ़ॉर्म जमा करें: भरे हुए फ़ॉर्म को सहायक समाज कल्याण अधिकारी के निकटतम कार्यालय में जमा करें।
दिव्यांग युवक/युवती विवाह प्रोत्साहन अनुदान के लिए आवश्यक दस्तावेज़
- वर और वधू दोनों का आधार कार्ड।
- विकलांगता प्रमाण पत्र।
- विशिष्ट विकलांगता पहचान पत्र की फोटोकॉपी।
- स्थायी निवास का प्रमाण पत्र/राज्य में पाँच वर्षों तक निवास का प्रमाण पत्र।
- बैंक खाता विवरण की फोटोकॉपी।
- विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी।
- आयकरदाता न होने की स्व-घोषणा।
- आपराधिक गतिविधियों में शामिल न होने की स्व-घोषणा।
- पहले से मौजूद जीवनसाथी न होने की स्व-घोषणा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) :-
दिव्यांग युवक/युवती विवाह प्रोत्साहन अनुदान का उद्देश्य क्या है ?
इसका उद्देश्य उन जोड़ों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिनमें से एक साथी दिव्यांग है, जिससे सामाजिक समावेशन को बढ़ावा मिलता है और दिव्यांग व्यक्तियों को सहायता मिलती है।
यह योजना किस विभाग ने शुरू की है ?
यह योजना उत्तराखंड सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा शुरू की गई है।
इस योजना के अंतर्गत लक्षित लाभार्थी कौन हैं?
लक्षित लाभार्थी दिव्यांग युवक और युवतियाँ हैं, जिनकी शादी होने वाली है।
युवक और युवतियों के लिए आयु मानदंड क्या होना चाहिए?
युवक की आयु 21-45 वर्ष के बीच होनी चाहिए और युवती की आयु 18-45 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
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इस योजना के माध्यम से किस प्रकार की वित्तीय सहायता प्राप्त की जा सकती है?
लाभार्थी अपनी शादी के खर्चों को पूरा करने के लिए ₹25,000 की वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
लाभार्थियों के लिए आय मानदंड क्या होना चाहिए?
लाभार्थियों के लिए कोई विशिष्ट आय मानदंड नहीं है।
आवेदन प्रारूप कहाँ से प्राप्त किया जा सकता है?
निर्धारित प्रारूप सहायक समाज कल्याण अधिकारी के निकटतम कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है।
आवेदन कहाँ जमा किया जा सकता है ?
भरा हुआ आवेदन पत्र सहायक समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय में जमा किया जाना चाहिए।