Dobhal Chowk Murder Case : डोभाल चौक गोलीबारी की घटना की जांच में नया मोड़ तब आया जब पता चला कि मुख्य आरोपी रामबीर की प्रेमिका घटना के बाद से ही फरार है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, भागने से पहले रामबीर अपनी प्रेमिका शालू के घर पर एक देसी पिस्तौल छोड़ गया था। शालू गैंगस्टर यतेंद्र चौधरी की विधवा है, जिसकी कुछ समय पहले रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
रामबीर से मिली सूचना के बाद पुलिस ने देहरादून के टीएचडीसी कॉलोनी में शालू के घर से पिस्तौल बरामद की। देहरादून में गोलीबारी के बाद रामबीर और उसका साथी मुजफ्फरनगर के रास्ते राजस्थान भाग गए थे। पुलिस ने उन्हें राजस्थान के कोटपुतली इलाके से गिरफ्तार कर लिया। रिपोर्ट के अनुसार, भागने से पहले रामबीर ने हथियार शालू के घर पर ही छोड़ दिया था। रामबीर की तरह शालू भी घटना के बाद से ही पुलिस की पकड़ से बाहर है।
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रामबीर की कस्टडी रिमांड पूरी होने पर उसे कोर्ट में पेश किया गया और फिर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। गोलीबारी 16 जून की रात करीब 10:30 बजे हुई, जब दीपक बडोला अपने दोस्तों सुभाष छेत्री और मनोज नेगी के साथ डोभाल चौक स्थित सोनू भारद्वाज के घर कार लेने गया था।
मौके पर पहले से मौजूद रामबीर और उसके साथियों ने बडोला, छेत्री और नेगी पर गोलियां चला दीं। हमले में दीपक बडोला की मौत हो गई, जबकि छेत्री और नेगी घायल हो गए। गोलीबारी के बाद रामबीर और उसका साथी मनीष पुलिस बैरियर तोड़कर आशारोड़ी में अपनी कार छोड़कर देहरादून भाग गए। रामबीर को आखिरकार 18 जून को राजस्थान में गिरफ्तार कर लिया गया, हालांकि गोलीबारी में इस्तेमाल की गई बंदूक तुरंत बरामद नहीं हुई। 19 जून को पुलिस ने रामबीर और उसके साथी को कोर्ट में पेश किया और आगे की जांच के लिए हिरासत में लेने का अनुरोध किया, जिसे एक दिन के लिए मंजूर कर लिया गया।
मामला अभी भी सक्रिय है, क्योंकि शालू की तलाश जारी है। मृतक गैंगस्टर यतेंद्र चौधरी और मुख्य आरोपी रामबीर दोनों के साथ उसके संबंध जांच को जटिल बनाते हैं, तथा अधिकारी इसमें शामिल सभी लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए कृतसंकल्प हैं।