लगभग एक तिहाई उत्तरदाताओं के पास पहचाने गए टॉप रिस्क का सामना करने के लिए कोई समाधान या कोई इंश्योरेंस बीमा नहीं है।
मुंबई, 29 दिसंबर, 2023: भारत की अग्रणी सामान्य बीमा कंपनियों में शामिल आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने 140 देशों में एंटरप्राइज रिस्क मैनेजमेंट (ERM- ईआरएम) परीक्षाओं के लिए दुनिया की लीडिंग प्रमाणित संस्था आईआरएम (इंस्टीट्यूट ऑफ रिस्क मैनेजमेंट) के साथ साझेदारी की है। यह साझेदारी इंडिया इंक के जोखिम क्षेत्र में गहरी समझ प्रदान करने वाली एक विशेष संयुक्त रिपोर्ट जारी करने के लिए की गई है। यह सहयोग इंडिया इंक के जोखिम प्रबंधन के परिवेश की गहराई में उतरता है, जिसका लक्ष्य सिर्फ एक रिपोर्ट से कहीं अधिक है – यह बिजनेस के लिए यात्रा को आगे बढ़ाने का एक रोडमैप है। रिपोर्ट न केवल गहरी समझ टि बल्कि व्यावहारिक रणनीतियों का वादा करती है, जो अगले दशक में अवसरों का लाभ उठाने के लिए आवश्यक लचीलेपन के साथ इंडिया इंक को सशक्त बनाने के लिए तैयार की गई है। इसकी विशिष्टता संपूर्ण जोखिम यात्रा की व्यापक कवरेज में शामिल है।
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यह रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर और भारत में शॉर्ट टर्म और मिड टर्म के जोखिम की गहन जांच करके, जोखिम पहचान के महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश करती है। पिछली घटनाओं से प्रेरणा लेते हुए इंश्योरेंस क्लेम के रूप में, यह व्यावहारिक सीख देता है। तैयारियों की आवश्यकता पर बल देते हुए, यह रिपोर्ट संस्थाओं से जोखिम और उनकी मैच्योरिटी के लेवल का मूल्यांकन करने का आग्रह करती है। अंत में, यह रिपोर्ट एक जरूरी गाइड यानी मार्गदर्शक के रूप में काम करती है, जो इंडिया इंक के जोखिम प्रबंधन अभ्यास को मजबूत करने के लिए रणनीतिक कार्रवाई की पेशकश करती है।
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के चीफ ऑफ कॉरपोरेट सॉल्यूशन ग्रुप, संदीप गोराडिया ने कहा कि यह रिपोर्ट पारंपरिक जानकारी से हटकर है। यह एक रणनीतिक मार्गदर्शक, सशक्तिकरण वाले टूलकिट के रूप में काम करती है। यह केवल जोखिम को समझने के बारे में नहीं है; यह इंडिया इंक को जोखिम प्रबंधन की गहरी जानकारी देने के बारे में है। जैसे-जैसे हम नए साल के करीब आते हैं, यह रिपोर्ट हमारी मार्गदर्शक बन जाती है, जो जटिलताओं में भी स्पष्टता प्रदान करती है और उभरते जोखिमों के बीच आत्मविश्वास पैदा करती है। यह हमारी सहयोगी है, जो हमें ऐसे भविष्य की ओर निर्देशित कर रही है, जहां जोखिम बाधाएं नहीं बन रहे हैं, बल्कि हमें सफलता की ओर कदम बढ़ाने में मदद कर रही है, वहीं यह हमें गहरी समझ, दूरदर्शिता और अटूट आत्मविश्वास के साथ अनिश्चितताओं से निपटने में मदद कर रही है।
आईआरएम इंडिया एफिलिएट के सीईओ हर्ष शाह ने कहा कि पेशेवर विशेषज्ञता और इंश्योरेंस इंटेलिजेंस के बीच सहजीवी संबंध जोखिम की बहुमुखी प्रकृति की व्यापक खोज की अनुमति देता है। यह रिपोर्ट भविष्य में जोखिम के विषयों पर प्रकाश डालती है, जो हमारी दुनिया को आकार देने के लिए तैयार हैं। जिसमें साइबर खतरों और टेक्नोलॉजी से जुड़ी रुकावटों से लेकर जलवायु परिवर्तन, जियो-पॉलिटिकल टेंशन और सामाजिक बदलाव की वास्तविकताएं शामिल हैं। ईआरएम योग्यताओं के लिए दुनिया की लीडिंग प्रमाणित संस्था के रूप में हम आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के साथ सहयोग के जरिए यह आशा करते हैं कि भविष्य के जोखिम और अवसरों पर प्रकाश डालकर, सक्रिय रणनीतियों को प्रेरित कर सकते हैं। साथ ही अपने लॉन्ग टर्म विजन एक लचीले आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के तहत अपने क्षेत्र में व्यक्तियों, संगठनों और समाज के बीच तैयारियों की संस्कृति विकसित कर सकते हैं।
रिपोर्ट वैश्विक संस्थाओं और भारतीय समकक्षों के बीच जोखिम धारणाओं और तैयारियों में जरूरी असमानताओं को रेखांकित करती हैं –
आज के कॉर्पोरेट माहौल में जोखिम को जानना और समझना
- जोखिम को सही धारणा के साथ देखना: ग्लोबल इंटरप्राइजेज भारतीय समकक्षों की तुलना में जोखिम भरे माहौल को समझते हैं। कुल जोखिम के लिए वैश्विक पर्यावरण रेटिंग 5.9 – 6.4 के बीच है, जबकि भारतीय इंटरप्राइजेज की दर 0 से 10 के पैमाने पर 4.2 – 6.3 के बीच है, यहां 10 का मतलब सबसे अधिक जोखिम से है।
- अंतर का ध्यान रखें: ज्यादा जोखिम का सामना करने के लिए सटीक, रिफाइंड और बेहतर तैयारियों की जरूरत होती है। निष्कर्ष के अनुसार, 67 फीसदी संगठन शीर्ष जोखिम का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हैं।
- रिस्क कवरेज की कमी: लक्ष्य की ओर प्रगति करते हुए, इसे अपने जोखिम प्रबंधन समाधान की डिजाइन को और बेहतर करने की आवश्यकता है। लगभग एक तिहाई उत्तरदाताओं का कहना है कि उनके पास पहचाने गए टॉप जोखिम का सामना करने के लिए कोई साइबर सिक्योरिटी स्किल सॉल्यूशन या कोई इंश्योरेंस नहीं है। टैलेंट रिस्क सबसे कम कवर किया जाने वाला जोखिम है, जहां 41 फीसदी उत्तरदाताओं के पास कोई समाधान या इंश्योरेंस नहीं है।
- जोखिम की पहचान करना: हॉरिजॉन स्कैनिंग और उभरते जोखिमों की पहचान करने की कला में शॉर्ट टर्म और मिड टर्म की जोखिम रैंकिंग बहुत हद तक एक समान पाई जाती है – और उसी तरह का रिस्क उभरते जोखिमों में भी दिखाई देते हैं। हॉरिजॉन स्कैनिंग और उभरते जोखिम की पहचान के लिए ऑप मैनेजमेंट के इमोशनल इंटेलिजेंस में सुधार की आवश्यकता है, जो एकमात्र प्रमुख उभरता हुआ जोखिम है।
- नए जोखिम की पहचान की गई – जलवायु को लेकर जागरूकता की अपील: जलवायु परिवर्तन की गहरी तात्कालिकता को कम आंका जाना जारी है। सिर्फ एनर्जी और यूटिलिटीज, हॉस्पिटैलिटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट और एफएमसीजी सेक्टर क्षेने जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं को शीर्ष जोखिम के रूप में पहचाना है।
गहरी समझ जो घर तक पहुंच गई
- जोखिम प्रबंधन 101: लगभग आधे बिजनेस (45%) लेवल 3 पर हैं: प्रगति कर रहे हैं। अब सुई को परिवर्तन की ओर ले जाने का समय आ गया है।
- वैश्विक प्रभाव: विदेशी सहायक कंपनियां बेहतर क्वालिटी और स्किल लाती हैं। इनमें से लगभग 25% संगठन पहले से ही टॉप पर हैं – जिनमें मैच्योरिटी लेवल 4 है, और ये लगातार अपने अंदर परिवर्तन ला रही हैं।
- सोच में बदलाव: 45% से अधिक संगठन यह सोचकर सुरक्षित रहते हैं कि जोखिमों को सिर्फ टाला जाना चाहिए या प्रबंधित किया जाना चाहिए। उन्हें नहीं लगता कि जोखिम सकारात्मक हो सकते हैं या जोखिम प्रबंधन क्षमता से प्रतिस्पर्धात्मक लाभ हो सकता है।
डिमांड में हैं ये स्किल
- साइबर सुरक्षा: साइबर सुरक्षा एक लोकप्रिय स्किल है जिसकी तलाश हर कोई करता है। यह टॉप एरिया है, जहां संगठन स्किल की तलाश कर रहे हैं। कई आईआरएम-योग्य पेशेवर जो ईआरएम एक्सपर्ट हैं (जो साइबर जोखिमों को कवर करते हैं) सभी क्षेत्रों में डिजिटल लचीलापन बना रहे हैं।
- इंश्योरेंस आईक्यू: इंश्योरेंस मैनेजमेंट प्रैक्टिस में मैच्योरिटी की कमी है, क्योंकि लगभग 40 फीसदी उत्तरदाता जोखिम बीमा की लागत के किसी भी कंपोनेंट को नहीं मापते हैं। कॉस्ट मैनेजमेंट सहित उनके सॉल्यूशन डिजाइन में सुधार की आवश्यकता है।
रिपोर्ट में विशेषज्ञों की राय शामिल है। लायबिलिटी इंश्योरेंस, मैरिन कार्गो इंश्योरेंस, इंजीनियरिंग इंश्योरें, फायर इंश्योरेंस, और इंश्योरेंस को एक व्यापक रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रैटेजी में पिरोने का तरीका।