First Snowfall in Dhanaulti Uttarakhand : उत्तर भारत में एक बार फिर नए सिरे से शीत लहर दस्तक देने जा रही है मौसम विभाग के पूर्वानुमान के बीच, उत्तराखंड के धनोल्टी क्षेत्र में शनिवार को इस मौसम की पहली बर्फबारी हुई।
First Snowfall in Dhanaulti Uttarakhand : धनोल्टी के अलावा, चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र, बद्रीनाथ धाम, देवल ब्लॉक के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी दिन में ताजा हिमपात दर्ज किया गया।
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हिल रिजॉर्ट में ठहरे हुए पर्यटक एवं होटल मालिक में ताजा मौसम में हुई बर्फबारी से बहुत खुशी का माहौल है क्योंकि चारों तरफ मानव सफेद कंबल ने खेतों, बगीचों, के साथ-साथ प्रमुख स्थल जैसे कनताल में सुरकंडा देवी, टिहरी में कद्दूखाल, बटवलधार, तपोवन और कई अन्य क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई है।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला जिले में भी भारी बर्फबारी दर्ज की गई है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग(IMD) के अनुसार बताया गया है की शनिवार को उत्तराखंड में अधिकतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान माइनस 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
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इसके साथ साथ एक मौसम विशेषज्ञ के द्वारा ट्वीट करके भी यह जानकारी दी गई कि उत्तर भारत में 14 जनवरी से लेकर 19 जनवरी के बीच बर्फीली ठंडी हवाएं चलेंगी, जिस की चरम सीमा 16 जनवरी से लेकर 18 जनवरी के बीच रहने की संभावनाएं हैं।
उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में 14-18 जनवरी तक शीतलहर से लेकर गंभीर शीतलहर की स्थिति की संभावना है, 14-15 जनवरी को आंतरिक कर्नाटक के अलग-अलग इलाकों में, 15-18 जनवरी तक हिमाचल प्रदेश में, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में जनवरी से 16-18; और 17-18 जनवरी को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में।
सप्ताहांत की ओर दिल्ली और एनसीआर में एक कूलर प्रवृत्ति प्रचलित हो जाएगी। यह प्रवृत्ति अगले सप्ताह की पहली छमाही तक जारी रहने की उम्मीद है, न्यूनतम एक अंक में, दूसरी छमाही में मामूली वृद्धि होने से पहले।
16-18 जनवरी के दौरान उत्तराखंड, दक्षिण हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में अलग-अलग इलाकों में पाला पड़ने की स्थिति देखी जाएगी।
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सतह की नमी और कोमल हवा उत्तरी मैदानों में सुबह के कोहरे में योगदान देगी। यह पंजाब से लेकर बिहार तक कुछ हिस्सों में सघन से अति सघन होगा।
अरुणाचल प्रदेश में अगले पांच दिनों तक छिटपुट से छिटपुट हिमपात/वर्षा देखने को मिलेगी।
उत्तराखंड के लोकप्रिय सभी हिल स्टेशनों पर आखिरकार बहुत समय से जिसकी प्रतीक्षा थी बर्फबारी हो गई है। जो राज्य के ज्यादातर हिस्सों में बर्फबारी हुई है। निचले इलाकों में जहां बारिश एवं ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी जारी है। बर्फबारी की उम्मीद लगाकर उत्तराखंड आए पर्यटक भी आज बर्फ देखकर उत्साहित हो गए।
उत्तराखंड में आए इस मौसम के मौसम में आए बदलाव के बाद अब शनिवार को चौथे दिन भी बारिश एवं बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा। चोटियों पर जहां हल्की से मध्यम बर्फबारी हुई। वही निचले इलाकों में हल्की बारिश दर्ज की गई। सर्द हवाओं से पूरे प्रदेश में ठंड बढ़ वाली है।
धनोल्टी व आसपास के इलाकों में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है (First Snowfall in Dhanaulti Uttarakhand).
देहरादून के कई क्षेत्रों में शुक्रवार देर रात से लेकर शनिवार तड़के सुबह तक झमाझम बारिश होती रही। इसी कारण से धनोल्टी एवं आसपास के क्षेत्रों में भी सीजन की पहली बर्फबारी देखी गई। इस बर्फबारी से पर्यटकों के चेहरे खिल उठे हैं। इसके बाद अब अनुमान लगाया जा रहा है कि शनिवार से धनोल्टी में भी पर्यटकों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
इसके साथ साथ चमोली के जोशीमठ में भी लगातार तीसरे दिन से मौसम खराब बना हुआ है। जहां हेमकुंड साहब, बद्रीनाथ के साथ-साथ औली, रुद्रनाथ एवं गैर सेन समेत ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात हुआ है। वही हुई बारिश से भी तापमान में भारी गिरावट आई है। जहां जोशीमठ में अधिकतम तापमान 3 डिग्री मापा गया वही न्यूनतम -1 डिग्री तक पहुंच गया था। जबकि ओन्ली की बात करें तो वहां अधिकतम तापमान 1 डिग्री एवं न्यूनतम -4 डिग्री रहा।
रूपकुंड और बेदनी बुग्याल में भी हिमपात हुआ (First Snowfall in Roopkund).
इस मौसम की पहली बर्फबारी पर्यटन स्थल रूपकुंड एवं बेदनी बुग्याल सहित ऊंचाई वाले बुग्यालों एवं हिमालय क्षेत्र के गांवों में हुई। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने से गांव क्षेत्र में ठंड बढ़ गई है. पर्यटन स्थलों रूपकुंड, बेदनी और ब्रह्मताल में इस मौसम की पहली बर्फबारी दर्ज की है।
केदारनाथ धाम में तीसरे दिन भी रुक-रुक कर बर्फबारी जारी रही। केदारनाथ में लगभग तीन फीट बर्फ जमा हो गई है। इस कारण पुनर्निर्माण कार्यों पर लंबा ब्रेक लग गया है। केदारनाथ में अधिकतम तापमान माइनस 6 और न्यूनतम तापमान माइनस 11 डिग्री सेल्सियस रहा।
केदारनाथ में पिछले तीन दिनों में करीब तीन फीट बर्फ जमा हो चुकी है। मंदिर परिसर और मंदिर मार्ग बर्फ से ढका हुआ है। इसके साथ ही पुनर्निर्माण के तहत सभी निर्माण स्थल भी बर्फ की चादर की चपेट में आ गए हैं।