श्री अवधूत मंडल आश्रम बाबा हीरादास हनुमान मंदिर में गुरु पूर्णिमा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया
हरिद्वार : महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी संतोषानंद देव महाराज ने गुरु पूर्णिमा समारोह के दौरान सनातन संस्कृति में गुरु के सर्वोच्च स्थान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान माना जाता है। गुरु की तुलना ब्रह्मा से की जाती है जो शिष्य का निर्माता है, विष्णु रक्षक है और महेश्वर (शिव) सभी दोषों का नाश करने वाले हैं।
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स्वामी संतोषानंद ने विस्तार से बताया कि गुरु चेतना, विचार शक्ति, ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक है। सद्गुरु द्वारा दिया गया ज्ञान हमारे भीतर असीम क्षमता को प्रकट करता है। उन्होंने गुरु की तुलना एक ऐसे दीपक से की जो असंख्य लोगों को प्रज्वलित कर सकता है। उन्होंने कहा कि गुरु की छवि ध्यान का स्रोत है, उनके शब्द मंत्रों का स्रोत हैं और उनकी कृपा मोक्ष का स्रोत है।
श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के पीठाधीश्वर महंत एवं महामंडलेश्वर स्वामी संतोषानंद देव महाराज की गरिमामयी उपस्थिति में श्री अवधूत मंडल आश्रम बाबा हीरादास हनुमान मंदिर सिंहद्वार, ज्वालापुर, हरिद्वार में “श्री गुरु पूर्णिमा” का पावन पर्व मनाया गया। प्रातः कालीन सत्र में स्वामी संतोषानंद ने अपने गुरु महामंडलेश्वर स्वामी सत्यदेव महाराज एवं हनुमान जी महाराज की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की।
इसके पश्चात उन्होंने “गुरुमंत्र दीक्षा” समारोह के माध्यम से देश भर से आए असंख्य भक्तों को वैदिक सनातन धर्म में दीक्षित किया। दीक्षा के पश्चात ऋषियों, महात्माओं, ब्राह्मणों एवं भक्तों के लिए भव्य भोज का आयोजन किया गया। स्वामी संतोषानंद ने इस बात पर प्रकाश डाला कि गुरु जीवन के कठिन, असंभव एवं अप्राप्य पहलुओं को सरल एवं सुलभ बना देते हैं।
उन्होंने सद्गुरु को मनुष्य की आध्यात्मिक खोज की पूर्ति, समझ का मूल स्रोत, ज्ञान प्रदान करने वाला, समाधान प्रस्तुत करने वाला एवं संघर्षों का समाधान करने वाला बताया। इस कार्यक्रम में साध्वी नेहा आनंद, अग्रेश मुनीम, अनिल धीमान, स्वामी गोविंद दास महाराज, स्वामी श्यामदास महाराज, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता रंजीता झा, संतोष झा, यतीश राठौड़, सुधा राठौड़, अर्चना झा, पंडित तरुण शुक्ला और अन्य भक्तों सहित प्रमुख व्यक्तियों की उपस्थिति देखी गई।