हरिद्वार। राजकीय मेडिकल कॉलेज जगजीतपुर को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर देने के विरोध में दून कूच कर रहे मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं को पुलिस प्रशासन ने कॉलेज कैंपस में ही रोक दिया। छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कॉलेज के गेट पर ताला जड़ दिया और एक पुलिस अधिकारी ने बस में घुसकर चालक को नीचे उतार दिया।
छात्र-छात्राओं का विरोध जारी
लक्सर जगजीतपुर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर देने का विरोध करते हुए एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं ने लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को भी कक्षाओं का बहिष्कार जारी रखा। शुक्रवार को छात्र-छात्राएं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और शासन के अधिकारियों से वार्ता करने के लिए देहरादून जाने की योजना बना रहे थे।
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छात्र-छात्राओं ने बताया कि देहरादून जाने के लिए उन्होंने कॉलेज के प्राचार्य से अनुमति भी ले ली थी और उनके अभिभावक भी देहरादून में अधिकारियों से मिलने के लिए पहुंच गए थे। इसके लिए छात्रों ने एक बस भी बुक कर ली थी।
पुलिस ने बस रोकी, गेट पर ताला लगाया
जब छात्र-छात्राएं देहरादून जाने के लिए बस में सवार हुए, तभी पुलिस वहां पहुंच गई। छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें बस से नीचे उतार दिया और एक पुलिस अधिकारी ने बस के चालक को भी बस से नीचे उतरने का निर्देश दिया। कॉलेज के गेट पर ताला लगा दिया गया, जिससे छात्र-छात्राएं देहरादून नहीं जा सके।
दिनभर छात्र-छात्राएं कॉलेज परिसर में ही रुके रहे। इस दौरान एक छात्रा की तबीयत बिगड़ गई, जिसे तुरंत मेडिकल सहायता दी गई।
डीएम कार्यालय में वार्ता
शाम को छात्र-छात्राओं के प्रतिनिधिमंडल की डीएम कार्यालय में एडीएम डीएस नेगी, प्राचार्य रंगील सिंह रैना और स्वास्थ्य शिक्षा के निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना से वार्ता हुई। निदेशक ने छात्रों की बात सुनी और उन्हें मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर देने की योजना को समझाया। उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए।
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वार्ता के बाद प्रतिनिधिमंडल कॉलेज लौट आया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि अब कॉलेज के छात्र-छात्राओं का अगला कदम क्या होगा। इसका पता शनिवार को चलेगा।
थानाध्यक्ष की गाड़ी गेट के बाहर तैनात
छात्र-छात्राओं को देहरादून जाने से रोकने के लिए कनखल थाने के थानाध्यक्ष की गाड़ी राजकीय मेडिकल कॉलेज जगजीतपुर के गेट के बाहर दिनभर खड़ी रही। पुलिसकर्मी कॉलेज कैंपस में तैनात थे, लेकिन मीडियाकर्मियों के आने पर वे इधर-उधर हो गए और नजरें बचाने लगे। गेट पर ताला लगा होने के कारण फैकल्टी और मैस में खाना बनाने वाले कर्मचारी भी बाहर खड़े रहे।