IDS 2017 : राज्य सरकार उन निवेशकों को राहत प्रदान करने पर विचार कर रही है, जिन्हें केंद्र सरकार की औद्योगिक विकास योजना(IDS 2017) के तहत निवेश आवश्यकताओं को पूरा करने के बावजूद सब्सिडी से वंचित किया गया था। उद्योग निदेशालय ने इस मामले पर सरकार की राय मांगी है, जिसका उद्देश्य प्रभावित निवेशकों के लिए समस्या का समाधान करना है।
पृष्ठभूमि: केंद्र सरकार की औद्योगिक विकास योजना (IDS 2017)
निवेश को बढ़ावा देने के लिए, केंद्र सरकार ने 2017 में औद्योगिक विकास योजना शुरू की। इस योजना के तहत, राज्य में निवेशक पूंजी सब्सिडी के लिए पात्र थे, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी का एक बड़ा हिस्सा था। इस पहल को आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने और राज्य के भीतर अधिक व्यावसायिक गतिविधि को आकर्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
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मुद्दा: कई निवेशक सब्सिडी के बिना रह गए (IDS 2017)
1,585 निवेशकों ने केंद्रीय पोर्टल के माध्यम से सब्सिडी के लिए आवेदन किया था। इनमें से केवल 295 सफलतापूर्वक पंजीकृत हुए, जबकि शेष 1,290 निवेशक नहीं थे। इस पंजीकरण विफलता ने बड़ी संख्या में आवेदकों को केंद्रीय सब्सिडी तक पहुंच से वंचित कर दिया है।
सरकारी कार्रवाई: प्रभावित निवेशकों के लिए सहायता
केंद्र सरकार द्वारा पंजीकृत न होने वालों को सब्सिडी देने से इनकार करने के बाद, निवेशकों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। मुख्य सचिव ने निवेशकों को आश्वासन भी दिया कि इस मुद्दे को सुलझाने के प्रयास किए जाएंगे।
इसके जवाब में, मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उद्योग महानिदेशक प्रतीक जैन ने तब से उद्योग सचिव को पत्र लिखकर अपंजीकृत निवेशकों को सब्सिडी देने के बारे में मार्गदर्शन मांगा है। हालांकि औपचारिक प्रस्ताव अभी तैयार नहीं हुआ है, लेकिन अब निर्णय राज्य सरकार पर निर्भर है।
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संभावित परिणाम: राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी राहत की पेशकश की संभावना
उद्योग विभाग के अधिकारियों का सुझाव है कि यदि सरकार यह निर्धारित करती है कि बड़ी संख्या में निवेशक सब्सिडी से लाभान्वित हो सकते हैं, तो एक अनुकूल निर्णय लिया जा सकता है। इससे उन लोगों को बहुत जरूरी राहत मिलेगी, जिन्होंने राज्य के आर्थिक विकास में योगदान दिया है, लेकिन केंद्रीय सब्सिडी का दावा करने में असमर्थ हैं।
राज्य में निवेशक अब सरकार के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें उम्मीद है कि सब्सिडी की कमी का सकारात्मक समाधान होगा।