कोटाबाग पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया, मेडिकल जांच में पुष्टि हुई कि आरोपी नशे में था
उत्तराखंड के नैनीताल जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें नशे में धुत एक सरकारी अधिकारी ने अपनी कार से तीन नाबालिग लड़कियों को रौंद दिया। इस दुर्घटना में एक लड़की की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गईं। यह घटना कोटाबाग ब्लॉक के नाथूनगर गांव के पास हुई, जब तीनों लड़कियां उत्तरायणी मेले से लौट रही थीं।
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सरकारी अधिकारी का नशे में वाहन चलाना: क्या कानून जागेगा?
घटना में आरोपी की पहचान भूपेंद्र सिंह, सहायक खंड विकास अधिकारी (BDO), कोटाबाग के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने दुर्घटना के बाद भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ा। जांच में यह भी सामने आया कि भूपेंद्र सिंह घटना के समय नशे में थे, जिसका पुष्टि मेडिकल परीक्षण से हुई।
पीड़ित लड़कियों की पहचान और इलाज
घटना में शामिल लड़कियों की पहचान कनक बोरा (17), माही बोरा (14), और ममता भंडारी (15) के रूप में की गई है। सभी लड़कियां कोटाबाग के नाथूनगर गांव की रहने वाली हैं। सोमवार को ये लड़कियां उत्तरायणी मेले से लौट रही थीं, तभी यह हादसा हुआ। दुर्घटना के बाद तीनों लड़कियों को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटाबाग ले जाया गया। बाद में उन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने माही बोरा को मृत घोषित कर दिया। कनक और ममता की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज हल्द्वानी के साईं अस्पताल में जारी है।
पुलिस कार्रवाई और आगे की जांच
कोटाबाग पुलिस चौकी प्रभारी रमेश चंद्र पंत ने बताया कि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसकी मेडिकल जांच में नशे की पुष्टि हो गई है। पंत ने यह भी कहा कि जब पीड़ितों की ओर से औपचारिक शिकायत मिलती है, तब मामले को दर्ज किया जाएगा और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एक और सवाल: जिम्मेदार अधिकारियों पर नियंत्रण कब होगा?
यह घटना न केवल एक गंभीर सड़क दुर्घटना है, बल्कि यह इस बात की ओर भी इशारा करती है कि कई बार जिम्मेदार अधिकारी अपने पद का गलत उपयोग करते हैं। इस हादसे ने सरकारी कर्मचारियों के नशे में वाहन चलाने और उनके कृत्यों के प्रति प्रशासन की जिम्मेदारी को एक बार फिर से सवालों के घेरे में डाल दिया है।
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इस मामले में पुलिस की कार्रवाई जारी है, और उम्मीद की जा रही है कि आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। इसके अलावा, इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को और भी सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में किसी और का जीवन न खतरे में पड़े।