भारतीय रिजर्व बैंक Kisan Credit Card scheme को पूर्णता डिजिटल करने के लिए पायलट परियोजना का प्रारंभ करेगी, इसका मुख्य उद्देश्य लोन के टर्नअराउंड की समयसीमा में तेजी लाना है।
मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को कहा कि वह केंद्रीय बैंक और उसकी Reserve Bank Innovation Hub (RBIH) द्वारा विकसित Kisan Credit Card (KCC) उधार के एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ करेगा। ), जिसका मुख्य उद्देश्य लोन के टर्नअराउंड की समयसीमा में तेजी लाना है।
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सितंबर में प्रारंभ होने वाले इस प्रोजेक्ट में बैंकों के भीतर विभिन्न प्रक्रियाओं का ऑटोमेशन और सेवा प्रदाताओं के साथ उनके सिस्टम का एकीकरण करना शामिल होगा। प्रस्तावित डिजिटलीकरण का मुख्य लक्ष्य इसे और अधिक कुशल बनाना होगा जिसके कारण उधारकर्ताओं के लिए लागत कम करना का प्रयास है।
“ Kisan Credit Card scheme को डिजिटाइज़ करने से इस पायलट प्रोजेक्ट से क्रेडिट प्रक्रिया को तेज करने और अधिक कुशल बनाकर कम सेवा उपलब्धता वाली ग्रामीण आबादी के लिए लोन की उपलब्धता को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। जब यह प्रक्रिया पूर्णता लागू हो जाएगी , तो इसके द्वारा देश के ग्रामीण क्षेत्र में लोन वितरण प्रणाली को बदलने की क्षमता होगी।”
Kisan Credit Card scheme (KCC) की शुरुआत 1998 में किसानों को उनकी जितनी भूमि है के आधार पर बैंकों द्वारा एक समान रूप से अपनाने के लिए ऐसे कार्ड जारी करने के लिए प्रारंभ किया था। इसके द्वारा किसानों को प्रारंभ में उन्हें बीज, उर्वरक, कीटनाशकों जैसे कृषि आदानों को आसानी से खरीदने करने के लिए एवं अपनी उत्पादन की जरूरतों के लिए नकद निकालने के लिए कार्डधारक को उपयोग करने की अनुमति दी गई थी, तब से लेकर अब तक सरकार के द्वारा आवश्यकता अनुसारइस Kisan Credit Card scheme (KCC) मैं कई संशोधित किया जा चुके हैं।
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आरबीआई के द्वारा शुक्रवार को कहा कि ग्रामीण फाइनेंस में सभी आय के स्तरों पर किसानों सहित ग्रामीण ग्राहकों को दी जाने वाली फाइनेंशियल सेवाओं की एक श्रृंखला शामिल है। आरबीआई ने कहा, कि भारत जैसे देश में, ग्रामीण लोन का समावेशी आर्थिक विकास से बहुत गहरा संबंध है, क्योंकि इसके द्वारा कृषि एवं उससे संबद्ध गतिविधियों, सहायक उद्योगों और छोटे व्यवसायों की आवश्यकताओं को पूरा करता है।
“वर्तमान में जो प्रक्रिया है उसमें ग्राहक जिसके पास भूमि का स्वामित्व है को अन्य दस्तावेजों के प्रमाण के साथ स्वयं ही व्यक्तिगत रूप से बैंक में जाने की आवश्यकता होती है। कभी-कभी, तो ग्राहक को बैंक शाखा में कई बार आना पड़ता है, “यह कहते हुए कि लोन आवेदन करने से लेकर संवितरण तक का टर्नअराउंड समयसीमा भी दो से लेकर चार सप्ताह तक की रहती है।
आरबीआई के द्वारा कहा गया कि भारत में ग्रामीण फाइनेंस से जुड़ी चुनौतियों को देखते हुए ग्रामीण फाइनेंस के विभिन्न पहलुओं का डिजिटलाइजेशन इसके फिनटेक पहल का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है।
आरबीआई के द्वारा कहा की प्रारंभ में Kisan Credit Card scheme मध्य प्रदेश और तमिलनाडु के चुनिंदा जिलों से स्टार्ट होगा जिसमें क्रमशः यूनियन बैंक ऑफ इंडिया एवं फेडरल बैंक के साथ साझेदार बैंकों के रूप में इसके साथ साथ संबंधित राज्य सरकारों के सक्रिय सहयोग से प्रारंभ करने जा रहे हैं।
आरबीआई के द्वारा कहा गया की, “पायलट प्रोजेक्ट से मिली फीडबैक के आधार पर, इन दोनों राज्यों के अन्य जिलों में भी फिर धीरे-धीरे देशभर में Kisan Credit Card (KCC) लोन देने की डिजिटल प्रक्रिया के विस्तार करने की योजना है।”