प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने आधिकारिक तौर पर 25 जून को 1975 में आपातकाल लागू होने की याद में ‘संविधान हत्या दिवस’ (संविधान हत्या दिवस) घोषित किया है। यह दिन नागरिक स्वतंत्रता के दमन, मीडिया सेंसरशिप और कई लोगों को बिना किसी मुकदमे के जेल में डालने की अवधि के दौरान लोकतंत्र को बहाल करने के लिए लाखों लोगों द्वारा किए गए संघर्षों और बलिदानों की मार्मिक याद दिलाएगा।
घोषणा का उद्देश्य सत्तावादी शासन का विरोध करने वालों को सम्मानित करना और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करना है। इस निर्णय ने आपातकाल की प्रकृति और इसके संवैधानिक निहितार्थों पर चर्चाओं को जन्म दिया है, जिसमें कुछ लोगों ने सरकार द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली शब्दावली पर सवाल उठाए हैं।