नर्सिंग महासंघ उत्तराखंड के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में नर्सिंग भर्ती में फर्जीवाड़ा के मामलों को उजागर किया है। उत्तराखंड के निजी अस्पतालों में कार्यरत अन्य राज्यों के युवाओं ने कथित तौर पर स्थायी निवास प्राप्त करने और क्षेत्र में नर्सिंग की नौकरी हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से मुलाकात की, जिन्होंने बाद में अधिकारियों को इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया। नर्सिंग महासंघ उत्तराखंड ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के त्वरित प्रतिक्रिया के लिए उनका आभार व्यक्त किया। स्वास्थ्य मंत्री के आवास पर हुई बैठक में नर्सिंग महासंघ उत्तराखंड के पदाधिकारियों ने मंत्री को माननीय प्रधानमंत्री का “एक वृक्ष मां के नाम” संदेश भेंट किया, जो उनकी सराहना का प्रतीक है।
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उन्होंने मंत्री को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया, जिससे पिथौरागढ़ और हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में 480 नर्सिंग अधिकारियों की स्थायी नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने मंत्री के समर्पण को भी स्वीकार किया, जिसके कारण माननीय उच्च न्यायालय ने पहले से चयनित फर्जी उम्मीदवारों को चिकित्सा स्वास्थ्य पदों से हटा दिया।
वर्तमान में राज्य में चिकित्सा शिक्षा के 1,455 पदों पर भर्ती के लिए दस्तावेजों का सत्यापन चल रहा है। नर्सिंग महासंघ ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि कुछ व्यक्तियों ने भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए फर्जी स्थायी निवास दस्तावेज और अन्य फर्जी कागजात का इस्तेमाल किया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया है कि ऐसे व्यक्तियों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में नर्सिंग महासंघ के अध्यक्ष हर्ष व्यास, उपाध्यक्ष मनीष चौहान, प्रदेश प्रवक्ता प्रीति मेहता, प्रदेश मीडिया प्रभारी विनोद उनियाल और सदस्य लोकेंद्र राणा, हरीश भट्ट और यशपाल रावत मौजूद थे।