प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फरवरी में प्रस्तावित उत्तराखंड दौरा सीमांत क्षेत्रों के पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस यात्रा के तहत हर्षिल घाटी में सेना, आईटीबीपी, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान और पर्यटन विभाग के सहयोग से कई साहसिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें ट्रेकिंग अभियान, माउंटेन बाइकिंग, एटीवी और आरटीवी रैलियां शामिल होंगी। इसके अलावा, मुखबा में शीतकालीन पर्यटन को लेकर विशेष प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी।
प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू
डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने प्रधानमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर सेना, आईटीबीपी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था, यातायात प्रबंधन, पार्किंग सुविधाएं और प्रचार-प्रसार योजनाओं पर व्यापक चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए हर्षिल स्थित वाइब्रेंट विलेज में भी कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी की जा रही है।
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मुखबा और हर्षिल को मिलेगा नया स्वरूप
मुखबा क्षेत्र में प्रधानमंत्री के आगमन से पहले पार्किंग, सड़कों और सौंदर्यीकरण से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जा रहा है। डीएम ने बीआरओ और लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों के लिए विभिन्न स्थानों पर पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर
प्रधानमंत्री का यह दौरा खासतौर पर उत्तराखंड के शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। सीमांत क्षेत्रों को आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार विशेष योजनाएं लागू कर रही है, जिससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा बल्कि अधिक से अधिक पर्यटक भी यहां का रुख करेंगे।
प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क और सक्रिय है, ताकि यह कार्यक्रम सुचारू रूप से संपन्न हो सके और उत्तराखंड के सीमांत पर्यटन स्थलों को वैश्विक पहचान मिल सके।