गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। इस वर्ष उत्तराखंड की 91 वर्षीय समाजसेविका राधा बहन भट्ट और साहित्य व पत्रकारिता के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान देने वाले ह्यू और कोलिन गैंटजर (मरणोपरांत) को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
Who is Radha Bhabhi Bhatt ? (राधा बहन भट्ट का जीवन परिचय और योगदान)
- जन्म:
- 16 अक्टूबर 1933
- अल्मोड़ा जिले के धुरका गांव में
- माता-पिता: कमलापति भट्ट और रेवती भट्ट
- समाजसेवा की शुरुआत:
- 18 वर्ष की उम्र में घर छोड़कर कौसानी पहुंचीं।
- बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने और जीवन कौशल सिखाने पर काम किया।
- प्रमुख कार्य और आंदोलन:
- 1957: भूदान आंदोलन में शामिल होकर पदयात्रा की शुरुआत।
- बालिका शिक्षा: लड़कियों को शिक्षित करने और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान।
- पर्यावरण संरक्षण: जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए प्रयासरत।
- चिपको आंदोलन: वन संरक्षण में सक्रिय भागीदारी।
- शराब विरोध आंदोलन: युवाओं और महिलाओं को जागरूक किया।
- ग्राम स्वराज: ग्रामीण विकास और स्वावलंबन को बढ़ावा दिया।
- खनन विरोध आंदोलन (1980): प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए आवाज उठाई।
- हाइड्रो पावर परियोजनाओं का विरोध (2006-2010): हिमालय और नदियों के संरक्षण के लिए अभियान।
- विशेष पदयात्राएं:
- 1975 में सरला बहन के 75वें जन्मदिवस पर 75 दिनों की पदयात्रा।
- 1976 में देवीधूरा ब्लॉक के 65 गांवों की यात्रा।
- कौसानी के लक्ष्मी आश्रम से जुड़ाव:
- लक्ष्मी आश्रम के माध्यम से शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यरत।
पुरस्कार और सम्मान:
राधा बहन भट्ट को समाजसेवा के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं। पद्मश्री पुरस्कार उनके जीवनभर के समर्पण और कार्यों का सम्मान है।
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ह्यू और कोलिन गैंटजर का योगदान (मरणोपरांत सम्मान):
उत्तराखंड के इन दो महान व्यक्तियों को साहित्य और शिक्षा – पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान दिया जाएगा।