हरिद्वार/सहरसा: सहरसा में ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान के संस्थापक और जाने-माने ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा ने बताया कि इस साल रक्षाबंधन मनाने का सबसे अच्छा समय 19 अगस्त, सोमवार को दोपहर 1:32 बजे के बाद है।
मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार, त्योहार का दिन भद्रा काल से शुरू होता है, जिसके दौरान राखी बांधना अशुभ माना जाता है। भद्रा दोपहर 1:32 बजे समाप्त हो जाएगी, जिससे राखी बांधने का यह सबसे उपयुक्त और शुभ समय होगा।
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भाई-बहन के बीच गहरे बंधन और प्रतिबद्धता का प्रतीक रक्षाबंधन में बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी (जिसे रक्षा सूत्र भी कहा जाता है) बांधती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं।
हिंदू परंपरा के अनुसार, यह समारोह भाई की लंबी उम्र और खुशहाली की प्रार्थना के साथ किया जाता है। पंडित झा ने रक्षाबंधन और प्राचीन हिंदू रीति-रिवाजों के बीच संबंध पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि भविष्य पुराण के अनुसार, ऋषि देवगुरु बृहस्पति ने संस्कृत श्लोक पढ़ा था, जबकि इंद्राणी ने इंद्र की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा था, जो त्योहार के ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व को दर्शाता है।
वास्तव में शुभ उत्सव के लिए, पंडित झा 19 अगस्त को दोपहर 1:32 बजे भद्रा काल समाप्त होने के बाद राखी बांधने की सलाह देते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह अनुष्ठान पारंपरिक हिंदू मान्यताओं के अनुरूप हो।
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जो रक्षाबन्धन का मन्त्र है-
येन बद्धो बलिराजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल ॥