मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रयागराज में आयोजित आचार्य शिविर के समानता और समरसता कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान संत समाज ने उत्तराखंड में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया और पुष्पमाला पहनाकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री का संबोधन:
- मुख्यमंत्री धामी ने सभी संतों को धन्यवाद देते हुए कहा कि महाकुंभ के शुभ अवसर पर संतों का आशीर्वाद प्राप्त करना सौभाग्य की बात है।
- उन्होंने समान नागरिक संहिता को विकसित भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि संतों द्वारा किया गया सम्मान, उत्तराखंड के हर नागरिक का सम्मान है।
- मुख्यमंत्री ने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले किए गए वादे को याद दिलाया और बताया कि सरकार बनते ही यूसीसी के लिए कमेटी का गठन किया गया, जिसके बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना जिसने इसे लागू किया।
यूसीसी का महत्व:
- मुख्यमंत्री ने संविधान निर्माताओं द्वारा समान कानूनों के प्रावधान का उल्लेख किया और कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है, जहां हर परिवार का सदस्य सेना में सेवा करता है।
- उन्होंने महाकुंभ को सनातन संस्कृति की विशालता का प्रतीक बताया और कहा कि सनातन संस्कृति समानता और समरसता को बढ़ावा देती है।
- उन्होंने दिल्ली में श्रद्धा वाकर हत्याकांड का उदाहरण देते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगेगी।
- मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में अन्य राज्य भी यूसीसी को अपनाएंगे।
संत समाज की प्रतिक्रिया:
- आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने उत्तराखंड को दिव्य स्थान बताते हुए मुख्यमंत्री धामी को संतों का प्रिय बताया।
- उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, भले ही छोटा राज्य हो, लेकिन यूसीसी लागू कर सबसे बड़ा बन गया है और यह अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बनेगा।
- अन्य संतों जैसे स्वामी चिदानंद मुनि, महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी, श्रीमहंत रविंद्रपुरी, महंत श्रीहरि गिरी, और महामंडलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योति ने भी मुख्यमंत्री के इस कदम की सराहना की।
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और संत उपस्थित रहे, जिन्होंने मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व और समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन की सराहना की।