देहरादून के मेयर पद पर सौरभ थपलियाल की ऐतिहासिक जीत और प्रदेश में निकाय चुनाव में बीजेपी की जबरदस्त सफलता ने नया रिकॉर्ड बना दिया। सौरभ थपलियाल, जो छात्र राजनीति में अपनी छवि के लिए पहले से ही जाने जाते थे, ने एक बार फिर से खुद को साबित किया और देहरादून के मेयर चुनाव में 1 लाख 5 हज़ार वोटों के अंतर से कांग्रेस के वीरेंद्र पोखरियाल को हराया।
सौरभ की जीत के मुख्य कारण
- साफ-सुथरी छवि और जमीनी जुड़ाव:
सौरभ थपलियाल का ईमानदार और शालीन व्यक्तित्व उनकी इस जीत का सबसे बड़ा कारण रहा। एक जमीनी कार्यकर्ता के रूप में उनकी पहचान और जनता से सीधे जुड़ाव ने उन्हें यह बड़ी जीत दिलाई। - सीएम पुष्कर सिंह धामी का नेतृत्व:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का प्रभाव और उनके द्वारा किए गए प्रचार ने इस जीत में अहम भूमिका निभाई। धामी ने खुद मैदान में उतरकर प्रचार किया और सौरभ के पक्ष में माहौल बनाया। - कार्यकर्ताओं की मेहनत:
बीजेपी कार्यकर्ताओं और सौरभ के पुराने साथियों ने पूरी मेहनत और समर्पण के साथ काम किया, जिससे इस जीत का फासला इतना बड़ा हुआ।
निकाय चुनाव: सेमीफाइनल में धामी की धमक
उत्तराखंड के निकाय चुनावों में बीजेपी ने 11 में से 10 नगर निगमों में जीत दर्ज की, जो न केवल पार्टी के लिए बल्कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व के लिए भी एक बड़ी सफलता है। कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला, जिससे धामी की लोकप्रियता और उनके फैसलों की पुष्टि होती है।
- Advertisement -
धामी सरकार के फैसलों का असर
निकाय चुनावों में बीजेपी की सफलता को धामी सरकार के फैसलों से जोड़ा जा रहा है। जनता ने बीजेपी पर भरोसा जताया और यह दिखाया कि वे मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में प्रदेश को आगे बढ़ते देखना चाहते हैं।
2027 विधानसभा चुनाव के लिए संदेश
निकाय चुनावों को 2027 के विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा था। जिस तरह से इन चुनावों में बीजेपी और मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने शानदार प्रदर्शन किया, यह साफ है कि 2027 के चुनावों में भी बीजेपी अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए पूरी तरह तैयार है।
सौरभ की चमक और धामी की धमक ने मिलकर निकाय चुनावों में बीजेपी को एक बड़ी जीत दिलाई है। यह जीत सिर्फ एक चुनावी सफलता नहीं है, बल्कि यह दर्शाती है कि उत्तराखंड की जनता ने धामी सरकार और बीजेपी के कामों पर मुहर लगा दी है।