हरिद्वार – अमेरिका के अरबपति कारोबारी और एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने महाकुंभ में भारतीय आध्यात्मिकता को अपनाते हुए अपना नया नाम ‘कमला’ प्राप्त किया है। उन्हें यह नाम उनके गुरु निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने दिया है।
लॉरेन पॉवेल जॉब्स महाकुंभ के पावन अवसर पर भारत पहुंची हैं और कल्पवास कर रही हैं। कल्पवास एक ऐसी प्राचीन हिंदू परंपरा है, जिसमें श्रद्धालु भौतिक सुख-सुविधाओं का त्याग करके साधारण जीवन बिताते हैं और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं। लॉरेन अब कमला के नाम से जानी जाएंगी और वह अपने गुरु स्वामी कैलाशानंद के शिविर में रहकर सनातन धर्म के गहरे आध्यात्मिक तत्वों को समझने का प्रयास करेंगी।
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पहली डुबकी लगाकर शुरू किया कल्पवास
कमला ने अपने कल्पवास की शुरुआत पौष पूर्णिमा के अवसर पर संगम में पवित्र डुबकी लगाकर की। महाकुंभ के दौरान वह दो सप्ताह तक सनातन परंपराओं का पालन करते हुए साधारण और सादगी भरा जीवन बिताएंगी।
स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में कमला आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कॉटेज में ठहरेंगी, लेकिन वे सनातन धर्म की परंपराओं के अनुसार साधना और संतों के साथ संवाद में समय बिताएंगी। महाकुंभ में आयोजित महायज्ञ में भी कमला मुख्य यजमान की भूमिका निभाएंगी।
गुरु ने दिया नया नाम ‘कमला’
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने लॉरेन पॉवेल जॉब्स को आध्यात्मिक यात्रा के दौरान नया नाम ‘कमला’ दिया। उन्होंने कहा:
“लॉरेन पॉवेल जॉब्स हमारी शिष्या हैं। हमने उन्हें कल्पवास के लिए नया नाम ‘कमला’ दिया है। हम उन्हें बेटी जैसा स्नेह देते हैं। महाकुंभ में वह अपने गुरु से मार्गदर्शन लेंगी और संतों-महात्माओं के सानिध्य में आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करेंगी।”
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सनातन संस्कृति को समझने का प्रयास
महाकुंभ के दौरान कमला सनातन संस्कृति और हिंदू दर्शन को करीब से समझने की कोशिश करेंगी। वह शिविर में रहकर शिव तत्व के बारे में गहन अध्ययन करेंगी और भारतीय परंपराओं से जुड़ेंगी।
यह पहल उत्तराखंड के संतों और आध्यात्मिक गुरुओं के साथ उनकी गहरी आस्था और जुड़ाव को दर्शाती है। कमला की यह यात्रा इस बात को साबित करती है कि भारतीय आध्यात्मिकता और संस्कृति आज भी दुनिया भर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।
महाकुंभ में कमला का आध्यात्मिक सफर
- महाकुंभ में कमला पौष पूर्णिमा के दिन संगम में पवित्र स्नान कर कल्पवास शुरू करेंगी।
- वह दो सप्ताह तक आध्यात्मिक साधना और संतों के साथ संवाद करेंगी।
- महायज्ञ में मुख्य यजमान की भूमिका निभाएंगी।
- शिविर में रहते हुए वह सनातन परंपरा और शिव तत्व का गहन अध्ययन करेंगी।
वैश्विक व्यक्तित्वों के लिए भारतीय संस्कृति का महत्व
लॉरेन पॉवेल जॉब्स का भारतीय आध्यात्मिकता की ओर यह रुझान यह साबित करता है कि भारतीय संस्कृति, योग और अध्यात्म की गूंज दुनिया भर में सुनाई दे रही है। ऐसे समय में जब आधुनिक दुनिया तकनीक और भौतिकवाद की ओर बढ़ रही है, भारतीय आध्यात्मिकता जीवन के उच्च आदर्शों की ओर आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।