देहरादून – बुधवार को सचिव डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम ने मीडिया सेंटर सचिवालय में मीडिया को संबोधित करते हुए उत्तराखंड की बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय कमी की घोषणा की। राज्य सरकार ने 2022 से शुरू होने वाले पांच वर्षों के भीतर अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को दोगुना करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। पिछले 20 महीनों में जीएसडीपी में पहले ही 1.3 गुना वृद्धि हो चुकी है।
उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो 2021-22 में 2.05 लाख रुपये से बढ़कर 2023-24 में 2.60 लाख रुपये हो गई है, जो सिर्फ दो वर्षों में 26% की वृद्धि को दर्शाता है। राष्ट्रीय स्तर पर, इसी अवधि में प्रति व्यक्ति आय 1.50 लाख रुपये से 1.84 लाख रुपये तक 20% बढ़ी है।
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डॉ. सुंदरम के अनुसार, राज्य में 15 से 29 आयु वर्ग के लिए श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 2022-23 में 43.7% से बढ़कर 2023-24 में 49% हो गई। इसी तरह, राज्य का कार्य जनसंख्या अनुपात 37.5% से बढ़कर 44.2% हो गया। 15 से 59 आयु वर्ग में, एलएफपीआर 60.1% से बढ़कर 64.4% हो गया, जबकि कार्य जनसंख्या अनुपात 57.2% से बढ़कर 61.2% हो गया। 15 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों में, एलएफपीआर 56% से बढ़कर 60.7% हो गया, और कार्य जनसंख्या अनुपात 53.5% से बढ़कर 58.1% हो गया।
प्रगति का एक उल्लेखनीय क्षेत्र कार्यबल में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी है। 15 से 29 आयु वर्ग में महिलाओं के लिए कार्य जनसंख्या अनुपात 26.1% से बढ़कर 32.4% हो गया, जबकि 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं के लिए यह 37% से बढ़कर 43.7% हो गया। इस वृद्धि का श्रेय मुख्य रूप से राज्य में लखपति दीदी योजना और महिला स्वयं सहायता समूहों जैसी पहलों की सफलता को जाता है।
बेरोजगारी के मामले में उत्तराखंड में उल्लेखनीय सुधार हुआ। 15 से 29 आयु वर्ग के लिए बेरोजगारी दर 2022-23 में 14.2% से घटकर 2023-24 में 9.8% हो गई। यह केवल एक वर्ष में 4.4% की कमी दर्शाता है। डॉ. सुंदरम ने सकारात्मक रुझान का श्रेय नई नीतियों और मौजूदा रोजगार और स्वरोजगार कार्यक्रमों में संशोधनों को दिया, जिसने जीएसडीपी को भी बढ़ावा दिया है।
पर्यटन, विनिर्माण और सरकारी सेवाओं जैसे क्षेत्रों में रोजगार के बढ़ते अवसरों ने उत्तराखंड में बेरोजगारी को कम करने और आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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मीडिया ब्रीफिंग के दौरान सूचना महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी और सीपीजीजी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मनोज पंत भी उपस्थित थे।