Uttarakhand Anti-Cheating Law : एक दिन पूर्व, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि उन्होंने उत्तराखंड में भर्ती घोटाले एवं पेपर लीक मामलों के खिलाफ छात्रों के विरोध के पश्चात अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। राज्यपाल की सहमति के पश्चात अब अध्यादेश कानून बन गया है।
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने शुक्रवार रात उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम और निवारण के लिए उपाय) अध्यादेश पर अपने हस्ताक्षर किए, राज्य में एक सख्त एंटी-धोखाधड़ी कानून(Uttarakhand Anti-Cheating Law) लाने की मांग की।
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एक दिन पूर्व, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि उन्होंने उत्तराखंड में भर्ती घोटाले एवं पेपर लीक मामलों के खिलाफ छात्रों के विरोध के बाद अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। राज्यपाल की सहमति के पश्चात अब अध्यादेश कानून बन गया है।
Uttarakhand Anti-Cheating Law : मुख्य बिंदु.
- अध्यादेश के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति, प्रिंटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता, प्रबंधन, कोचिंग संस्थान आदि अवैध साधनों का उपयोग करते हुए पाए जाते हैं, तो आजीवन कारावास और ₹10 करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान होगा।
- इसी प्रकार, अगर कोई आवेदक धोखाधड़ी करता हुए पाया जाता है या धोखाधड़ी में किसी की मदद करता है, तो तीन साल की जेल एवं न्यूनतम ₹5 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि व्यक्ति की पुनः धोखाधड़ी के मामले में संलिप्तता पाया जाता है, तो 10 साल की जेल एवं न्यूनतम ₹10 लाख के जुर्माने का प्रावधान है।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले सैकड़ों युवाओं ने गुरुवार को देहरादून के गांधी पार्क के बाहर धरना दिया एवं भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच और सभी परीक्षाओं को अस्थायी रूप से रद्द करने की मांग की। पथराव होने के कारण उनका विरोध हिंसक हो गया एवं भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस कर्मियों को लाठीचार्ज करना पड़ा।
शुक्रवार को यूनियन के प्रतिनिधिमंडल के द्वारा अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मुलाकात कर अपनी मांगें रखीं.
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रतूड़ी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनके द्वारा उठाए गए बिंदुओं से मुख्यमंत्री धामी को अवगत कराया जाएगा।
“इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने हमें विरोध करने वाले युवाओं के साथ बातचीत शुरू करने का निर्देश दिया। हमने कल (गुरुवार) घोषणा की थी कि हमारे दरवाजे खुले हैं एवं जो लोग बात करना चाहते हैं वे हमसे संपर्क कर सकते हैं। आज कुछ युवा आए और कहा कि वे उत्तराखंड बेरोजगार संघ के सदस्य हैं। उनकी मुख्य मांग थी कि प्रतियोगी परीक्षाएं पारदर्शी हों और किसी तरह की शिकायत होने पर निष्पक्ष जांच हो। हम उनकी मांगों पर विचार कर रहे हैं।’