उत्तराखंड राज्य ने 5.26 मेगावाट बिजली उत्पादन की संयुक्त क्षमता वाली पांच सौर ऊर्जा परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। यह सकारात्मक कदम जुलाई 2023 में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए आवेदन के आह्वान के बाद आया है, जिसके दौरान कुल 20 मेगावाट क्षमता वाली सात परियोजनाओं के प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए थे। शुक्रवार को ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय समिति ने इन सौर ऊर्जा प्रस्तावों की सावधानीपूर्वक समीक्षा की और बाद में उनमें से पांच को मंजूरी दे दी।
उत्तराखंड सौर ऊर्जा नीति (Uttarakhand Solar Energy Policy) के अनुरूप राज्य सरकार ने 5.26 मेगावाट क्षमता की पांच सौर परियोजनाओं की स्थापना को हरी झंडी दे दी है। इस पहल में लगभग 24 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है, जो टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
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उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी ने सौर नीति के तहत जुलाई 2023 में सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए आवेदन मांगे हैं। प्राप्त सात प्रस्तावों में से पांच पर ऊर्जा सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम के मार्गदर्शन में संचालित राज्य स्तरीय समिति से अनुमोदन की मुहर लग गयी है।
ये स्वीकृत परियोजनाएं इविंसिया रिन्यूअल प्राइवेट लिमिटेड, सहारा साई प्राइवेट लिमिटेड, टेक्नॉक्स इंजीनियरिंग एंड सर्विस, सहारा साई और काशी विश्वनाथ स्टील टेक्सटाइल्स मिल लिमिटेड द्वारा शुरू की जाएंगी। सामूहिक रूप से, वे 24 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ 5.26 मेगावाट (5265 किलोवाट के बराबर) की संचयी क्षमता के साथ सौर परियोजनाएं स्थापित करेंगे। ऊर्जा सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार का हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना ग्लोबल वार्मिंग से निपटने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
इसके अलावा, उत्तराखंड राज्य ने 13 अप्रैल, 2023 को अपनी नई सौर ऊर्जा नीति लागू की और मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना शुरू की। राज्य सरकार उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए छत पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त सब्सिडी भी प्रदान कर रही है। बैठक में अपर सचिव ऊर्जा रंजना राजगुरु, उरेडा, यूपीसीएल, पिटकुल, राजस्व, उद्योग, वित्त एवं कृषि के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।