उत्तराखंड स्थापना दिवस 2024 : उत्तराखंड आज अपना 25वां स्थापना दिवस मना रहा है, जो राज्य की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने का मील का पत्थर है। इस रजत जयंती समारोह में परेड, राज्य के लिए असाधारण योगदान देने वालों को सम्मानित किया जाएगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो संबोधन होगा। कार्यक्रम देहरादून, भरारीसैंण विधानसभा भवन और ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में होंगे।
25वें उत्तराखंड स्थापना दिवस समारोह की मुख्य विशेषताएं
प्रधानमंत्री का संदेश:
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक विशेष वीडियो संदेश साझा करेंगे, जिसे देहरादून के भरारीसैंण विधानसभा भवन परिसर और गैरसैंण में होने वाले मुख्य कार्यक्रमों में प्रसारित किया जाएगा।
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देहरादून में रैली परेड:
- देहरादून में रिजर्व पुलिस लाइन में एक औपचारिक रैली परेड आयोजित की जाएगी, जहां राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) सलामी लेंगे।
- परेड में पुलिस विभाग द्वारा बहादुरी और कौशल का प्रदर्शन करने वाले विशेष प्रदर्शन भी शामिल होंगे।
विशिष्ट योगदानकर्ताओं का सम्मान:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को उत्तराखंड गौरव सम्मान प्रदान करेंगे। यह सम्मान राज्य को आगे बढ़ाने में मदद करने वालों के समर्पण और सेवा का जश्न मनाता है।
प्रकाशनों का विमोचन:
राज्य का सूचना विभाग एक विकास पुस्तिका और पुलिस पत्रिका लॉन्च करेगा, जिसमें पिछले कुछ वर्षों में राज्य के विभागों की प्रमुख पहलों, प्रगति और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला जाएगा।
भराड़ीसैंण में स्थापना दिवस कार्यक्रम:
मुख्यमंत्री धामी दोपहर 1 बजे भराड़ीसैंण में स्थापना दिवस समारोह में शामिल होंगे, जहां वे उत्तराखंड के राज्य आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले 47 कार्यकर्ताओं को सम्मानित करेंगे।
सम्मान समारोह के बाद, एक सार्वजनिक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें उपस्थित लोग राज्य की यात्रा और भविष्य पर विचार कर सकेंगे। स्थानीय उत्पादों पर प्रदर्शनी: भरारीसैंण विधानसभा परिसर में स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य क्षेत्रीय शिल्प कौशल को बढ़ावा देना और उत्तराखंड के अनूठे और पारंपरिक उत्पादों को लोगों तक पहुंचाना है।
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रजत जयंती समारोह का महत्व उत्तराखंड का 25वां स्थापना दिवस पिछले 25 वर्षों में राज्य की प्रगति पर एक प्रतिबिंब के रूप में कार्य करता है और साथ ही इसके लोगों की लचीलापन, एकता और भावना को श्रद्धांजलि भी देता है। यह दिन राज्य की सांस्कृतिक विरासत का भी जश्न मनाता है और इसका उद्देश्य उन लोगों की विरासत का सम्मान करना है जिन्होंने इसकी स्थापना में योगदान दिया।
उत्तराखंड अपने रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर रहा है, यह स्थापना दिवस न केवल पिछले 25 वर्षों का उत्सव है, बल्कि भविष्य के लिए एक दृष्टि भी है। आज दिए जाने वाले कार्यक्रम और सम्मान राज्य की उपलब्धियों, इसकी समृद्ध संस्कृति और उन लोगों के समर्पण को मान्यता देते हैं जो उत्तराखंड के विकास और वृद्धि में योगदान देना जारी रखते हैं।