सीएम धामी रविवार को अपने सरकारी आवास में Poly Houses में उगाई जाने वाली सब्जियों का निरीक्षण कर रहे थे, तभी उनके द्वारा किसानों के लिए सरकार की Poly Houses बनाने की योजना के बारे में बताया.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को बताया कि सरकार के द्वारा आगामी दो वर्षों में उत्तराखंड में 50,000 Poly Houses बनाने की योजना है।
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के द्वारा पुष्टि की गई की राज्य सरकार राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) (National Bank for Agriculture and Rural Development (NABARD)) के सहयोग से इन Poly Houses का निर्माण करेगी।
मुख्यमंत्री ने योजना पर विश्वास जताते हुए बताया कि Poly Houses बनने से उत्तराखंड के किसानों को बड़े मात्रा मी लाभ मिलेगा.
सीएम धामी रविवार को अपने सरकारी आवास में Poly Houses में उगाई जाने वाली सब्जियों का निरीक्षण कर रहे थे, तभी उनके द्वारा किसानों के लिए सरकार की Poly Houses बनाने की योजना के बारे में बताया.
उन्होंने यह भी बताया कि उनके आवास के Poly House में सब्जियां जैविक खेती (organic agriculture) से उगाई जाती हैं। धामी ने बताया, “इसकी महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इन सब्जियों को उगाने में किसी प्रकार के कीटनाशक का उपयोग नहीं किया जाता है।”
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जैविक खेती (organic agriculture) एक तकनीक आधारित खेती है जिसके द्वारा किसी भी कीटनाशकों के उपयोग से बचा जा सकता है लेकिन विभिन्न प्रकार की फसलों की खेती के लिए केवल खाद, कम्पोस्ट खाद एवं कुछ उपकरणों का उपयोग ही किया जाता है। इस प्रकार की खेती में यदि आपको बेहतर उपज चाहिए तो मिश्रित फसल एवं फसल चक्र जैसी तकनीकों का उपयोग करना चाहिए।
जैविक और प्राकृतिक खेती के महत्व पर जोर देते हुए, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Minister Narendra Singh Tomar) ने 6 दिसंबर, 2022 को बताया कि भारत ने पिछले साल 4.78 लाख हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के तहत लाया है।
Soil Health Management for Sustainable Farming पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया, “प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, केंद्र सरकार के द्वारा ₹1,584 करोड़ के व्यय के साथ एक अलग योजना के रूप में प्राकृतिक खेती (Natural Farming) पर राष्ट्रीय मिशन को मंजूरी दी है।”
तोमर के द्वारा जैविक खेती के महत्व पर सम्मेलन में बोलते हुए बताया कि रासायनिक खेती के कारण मिट्टी की उर्वरता खत्म हो रही है एवं आने वाले दिनों में जलवायु परिवर्तन देश एवं दुनिया के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बनने वाला है। मिट्टी में जैविक कार्बन की कमी एक गंभीर चिंता का विषय है।
NEWS SOURCE : ANI