नैनीताल : Uttarakhand High Court ने सोमवार को 37 वर्षीय एक महिला को अपने पति से अलग रहने की अनुमति देते हुए कहा कि उनके पति के द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया इसीलिए वह अपनी मर्जी से किसी अन्य व्यक्ति के साथ चली गई।
यह निर्देश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी (Justice Manoj Kumar) और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित (Justice Pankaj Purohit) की खंडपीठ ने अपनी “लापता” पत्नी के लिए देहरादून के एक जिम ट्रेनर(GYM trainer) पति द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (Habeas Corpus Petition) पर सुनवाई करते हुए दिया।
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सुनवाई के दौरान जिम ट्रेनर (GYM trainer) की पत्नी कोर्ट में जब पेश हुई उन्होंने तब बताया कि उनके द्वारा उनके पति, 6 साल के बेटे एवं 10 साल की बेटी को वह स्वयं छोड़कर हरियाणा के फरीदाबाद में अपने “लिव-इन पार्टनर”(“live-in partner”) के साथ रह रही है.
उसने अदालत को यह भी बताया कि उसका पति उसके साथ दुर्व्यवहार करता था और अब वह उसके साथ नहीं रहना चाहती।
महिला के द्वारा 7 अगस्त, 2022 को ही अपने परिवार को छोड़ दिया था और तब से वह फरीदाबाद के व्यक्ति के साथ रह रही थी।
उसके पति ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (habeas corpus petition) दायर की थी जिसमें उसने अपनी पत्नी को अदालत में पेश करने और उसे “अवैध कारावास” से मुक्त कराने की प्रार्थना की थी।
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हाई कोर्ट उत्तराखंड के द्वारा 4 मई को जारी आदेश में देहरादून(Dehradun) और फरीदाबाद(Faridabad) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (Senior Superintendents of Police) को महिला को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था.
इसके बाद महिला ने कोर्ट में पेश होकर कहा कि वह स्वयं अपनी मर्जी से फरीदाबाद(Faridabad) गई थी। (PTI)