देहरादून – राज्य सरकार ने संविदा खेल प्रशिक्षकों के मानदेय में वृद्धि करने तथा खेल विभाग के अंतर्गत विभिन्न खेलों में खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए चयन प्रक्रिया स्थापित करने का आदेश जारी किया है। इस अवसर पर विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने माननीय मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
खेल विभाग राज्य के विभिन्न जिलों में खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए संविदा प्रशिक्षकों की तैनाती कर रहा है। पहले इन प्रशिक्षकों को एक निश्चित मासिक मानदेय पर एक वर्ष के लिए रखा जाता था। नए सरकारी आदेश में इस अवधि को बढ़ाकर तीन वर्ष कर दिया गया है।
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शुरू में संविदा खेल प्रशिक्षकों को छह श्रेणियों में 12,000 रुपये से लेकर 45,000 रुपये तक मासिक मानदेय मिलता था। नए आदेश में इस ढांचे को तीन श्रेणियों में सरलीकृत करते हुए मानदेय को क्रमशः 25,000 रुपये, 35,000 रुपये और 45,000 रुपये कर दिया गया है।
ये प्रशिक्षक पूरे वर्ष कोचिंग और प्रशिक्षण शिविर आयोजित करेंगे। राज्य के खिलाड़ियों की प्रतिभा को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने के उद्देश्य से।
एनआईएस पटियाला या इसके सहयोगियों, या लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान, ग्वालियर/अन्य विश्वविद्यालयों से नियमित पाठ्यक्रम पूरा करने वाले प्रशिक्षकों के लिए, निम्नलिखित मानदेय लागू होते हैं:
- स्नातकोत्तर (पीजीडीएससी) डिग्री धारकों, डिप्लोमा धारकों, या ओलंपिक खेलों, विश्व कप, विश्व चैम्पियनशिप, राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों, एसएएफ खेलों, एफ्रो-एशियाई खेलों में पदक विजेताओं/प्रतिभागियों के लिए 45,000 रुपये प्रति माह।
- एशियाई चैम्पियनशिप, एसएएफ चैम्पियनशिप, राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप, विश्व विश्वविद्यालय खेल, विश्व पुलिस खेल, विश्व सैन्य खेल, या राष्ट्रीय खेल/वरिष्ठ राष्ट्रीय जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं/प्रतिभागियों के लिए 35,000 रुपये प्रति माह।
- सीनियर नेशनल/ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी गेम्स, सीनियर नॉर्थ जोन प्रतियोगिताएं, जूनियर/कैडेट/सब जूनियर नेशनल, स्कूल नेशनल गेम्स, भारतीय सेना/भारतीय पुलिस गेम्स में सेवाएं देने वाले या एनआईएस पटियाला या संबद्ध संस्थानों से खेल कोचिंग में छह महीने का सर्टिफिकेट कोर्स करने वाले पदक विजेताओं/प्रतिभागियों को 25,000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे।
मंत्री रेखा आर्य ने जोर देकर कहा कि बढ़ा हुआ मानदेय प्रशिक्षकों को अधिक उत्साह के साथ काम करने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे खिलाड़ियों की संख्या बढ़ेगी और प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार होगा। इस पहल का उद्देश्य उत्तराखंड के खिलाड़ियों को खेलों में उज्ज्वल भविष्य के लिए तैयार करने में मदद करना है।
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आर्य ने कहा कि सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसका उद्देश्य देवभूमि के रूप में जाने जाने वाले उत्तराखंड को खेलों की भूमि के रूप में विकसित करना है। राज्य सरकार इस लक्ष्य की दिशा में लगातार काम कर रही है।