उत्तराखंड सरकार ने राज्य के वित्तीय अधिकारियों के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू किया है, जो इसे आईएएस प्रशिक्षण के कठोर मानकों के अनुरूप बनाता है। इस पहल में भर्ती और पदोन्नति दोनों तरह के प्रशिक्षण शामिल हैं, साथ ही अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण के लिए भी एक महत्वपूर्ण प्रावधान है।
वित्त के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने नए पाठ्यक्रम का अनावरण किया। परंपरागत रूप से, उत्तराखंड वित्त सेवा संवर्ग के अधिकारियों को भर्ती के समय नौ महीने का प्रशिक्षण दिया जाता था। हालांकि, लगातार विकसित हो रहे वित्त क्षेत्र के साथ, अब सेवाकालीन प्रशिक्षण को आवश्यक माना जाता है। वित्त विभाग ने एक अद्यतन पाठ्यक्रम तैयार करके प्रतिक्रिया दी है।
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सुधोवाला में पंडित दीनदयाल उपाध्याय वित्तीय प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान इस पहल की अगुवाई कर रहा है। शुरुआती नौ महीने के प्रशिक्षण के बाद, अधिकारी पदोन्नति की सीढ़ी चढ़ने के साथ आगे के पाठ्यक्रमों में शामिल होंगे। ये पाठ्यक्रम सुधोवाला संस्थान, राष्ट्रीय संस्थानों और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में भी संचालित किए जाएंगे।
नए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम विषय
अद्यतित पाठ्यक्रम में आधुनिक वित्तीय विषय जैसे UPI, ई-वॉलेट, ई-रुपी, कंप्यूटर हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, नेटवर्किंग, साइबर सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ई-स्टाम्पिंग, ई-चालान, ई-रसीद और ई-कुबेर शामिल हैं।
तनाव प्रबंधन और स्वस्थ जीवन पर ध्यान दें
नए पाठ्यक्रम तनाव प्रबंधन और स्वस्थ जीवन पर जोर देते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अधिकारी बढ़ी हुई जिम्मेदारियों को कुशलतापूर्वक संभाल सकें। वित्तीय प्रबंधन के साथ-साथ जीवन प्रबंधन अब एक महत्वपूर्ण घटक है।
पदोन्नति के बाद प्रशिक्षण कार्यक्रम
- वरिष्ठ स्केल ग्रेड-2 (वेतन स्तर 11) और वरिष्ठ स्केल ग्रेड-1 (वेतन स्तर-12): तीन साल की सेवा के बाद तीन सप्ताह का कोर्स (सुधोवाला में दो सप्ताह, एक प्रतिष्ठित संस्थान में एक सप्ताह)।
- चयन ग्रेड (वेतन स्तर 13): दो सप्ताह का प्रशिक्षण (सुधोवाला में एक सप्ताह, एक प्रतिष्ठित संस्थान में एक सप्ताह)।
- विशेष स्केल (वेतन स्तर 13ए) और सुपर टाइम स्केल (वेतन स्तर-15): दो वर्ष की सेवा के बाद 10 दिवसीय पाठ्यक्रम (छह दिन सुधोवाला में, चार दिन किसी प्रतिष्ठित संस्थान में)।
वैश्विक मानकों का लक्ष्य
पंडित दीनदयाल उपाध्याय वित्तीय प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के निदेशक अरुणेंद्र चौहान ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नए पाठ्यक्रम का उद्देश्य आईएएस प्रशिक्षण की तरह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नवीनतम विकास के साथ अधिकारियों को अपडेट करना है।